राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने पद छोड़ा, दिल्ली में बने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव…
मुख्य सचिव पद से इस्तीफा देने वाले दूसरे आईएएस अधिकारी बने, नए CS को लेकर प्रशासनिक हलकों में चर्चाओं का दौर
गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा
जयपुर 11 नवम्बर 2025
राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। राज्य के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें केंद्र सरकार ने दिल्ली में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में सचिव नियुक्त किया है। इस तरह पंत उन चुनिंदा आईएएस अधिकारियों में शामिल हो गए हैं जिन्होंने रिटायरमेंट से पहले मुख्य सचिव का पद छोड़ा।
ब्यूरोक्रेसी के जानकार बताते हैं कि राजस्थान के इतिहास में यह दूसरा मौका है जब किसी आईएएस अधिकारी ने मुख्य सचिव का पद स्वेच्छा से छोड़ा है। इससे पहले राजीव महर्षि ने भी वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में मुख्य सचिव पद छोड़कर केंद्र में जिम्मेदारी संभाली थी।
🔹 14 महीने पहले पदत्याग, अब नई जिम्मेदारी दिल्ली में
सुधांश पंत को 1 जनवरी 2024 को राजस्थान का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था। वे 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उनका रिटायरमेंट फरवरी 2027 में होना था। लेकिन रिटायरमेंट से लगभग 14 महीने पहले उन्होंने यह पद छोड़ दिया। अब वे दिल्ली में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव के रूप में सेवाएं देंगे। भारत सरकार ने इस संबंध में औपचारिक आदेश जारी कर दिए हैं।
🔹 क्यों बुलाया गया पंत को दिल्ली?
प्रशासनिक हलकों में यह सवाल प्रमुखता से उठ रहा है कि आखिर केंद्र सरकार ने अचानक सुधांश पंत को क्यों बुला लिया? जानकारों के अनुसार इसके कई कारण हैं ।
1. पीएमओ में अच्छी छवि:
सुधांश पंत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद अफसरों में से एक माना जाता है। कोरोना काल में जब केंद्र सरकार को अनुभवी प्रशासक की जरूरत थी, तब पंत को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव बनाया गया था।
2. राज्य-केंद्र समन्वय में दक्ष:
पंत ने हमेशा राज्य और केंद्र के बीच समन्वय की भूमिका निभाई। उन्होंने केंद्र की योजनाओं को राजस्थान में प्रभावी ढंग से लागू किया और समयबद्ध रिपोर्टिंग सुनिश्चित की।
3. कार्यप्रणाली से प्रभावित केंद्र:
उनके कार्यकाल में सभी समीक्षा बैठकें और रिपोर्ट्स समय पर भेजी गईं। यही वजह रही कि मोदी सरकार ने उन्हें केंद्र में वापस बुलाकर महत्वपूर्ण सामाजिक न्याय मंत्रालय का दायित्व सौंपा है।
🔹 मुख्य सचिव पद छोड़ने की संभावित वजहें
प्रशासनिक हलकों में चर्चा है कि सुधांश पंत का मुख्य सचिव पद छोड़ना महज़ तबादला नहीं, बल्कि कई आंतरिक कारणों से जुड़ा कदम है। सूत्रों के अनुसार तीन प्रमुख कारण रहे —
1. ट्रांसफर-पोस्टिंग में अनदेखी:
पंत अपनी सिफारिशों की अनदेखी से नाराज़ बताए जा रहे थे। जिन अधिकारियों की नियुक्ति वे सुझाते थे, उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा था। हाल ही में डेपुटेशन पर आए एक आईपीएस अधिकारी को उनकी सिफारिश के बावजूद इच्छित पद नहीं मिला था।
2. महत्वपूर्ण फाइलों का बायपास होना:
कई बार विभागों की अहम फाइलें सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात आईएएस अधिकारियों तक पहुंचाई जा रही थीं, जिससे मुख्य सचिव की भूमिका सीमित होती जा रही थी। परंपरागत रूप से ये फाइलें मुख्य सचिव के माध्यम से ही मुख्यमंत्री तक पहुंचती रही हैं।
3. पसंदीदा अफसरों की नियुक्ति में हस्तक्षेप:
जून 2025 में मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी आलोक गुप्ता का तबादला होने के बाद पंत को प्रशासनिक निर्णयों से कुछ हद तक अलग कर दिया गया था। तब से वे साइडलाइन महसूस कर रहे थे।
🔹 सुधांश पंत का प्रशासनिक सफर
राजस्थान कैडर के 1991 बैच के आईएएस अधिकारी सुधांश पंत की पहली पोस्टिंग 1993 में जयपुर के एसडीओ के रूप में हुई थी। इसके बाद वे जैसलमेर और झुंझुनूं के कलेक्टर रहे।
उन्होंने हरीशचंद्र माथुर प्रशासनिक संस्थान (HCM RIPA) के महानिदेशक, ACS ट्रेनिंग, जलदाय विभाग के ACS, और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन के रूप में भी कार्य किया।
पूर्व में वे केंद्र में स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव रह चुके हैं। 2023 के दिसंबर में भजनलाल शर्मा सरकार ने उन्हें दिल्ली से वापस बुलाकर मुख्य सचिव बनाया था।
🔹 अब कौन बनेगा राजस्थान का नया मुख्य सचिव?
पंत के दिल्ली जाने के बाद प्रशासनिक गलियारों में अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि राजस्थान का नया मुख्य सचिव कौन होगा? वरिष्ठता और अनुभव के आधार पर तीन नाम प्रमुखता से चर्चा में हैं —
1. अखिल अरोड़ा (IAS, 1993 बैच)
वर्तमान में जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं। उनकी छवि ईमानदार और कार्यकुशल अधिकारी की है। वे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के विश्वसनीय अफसर माने जाते हैं।
हालांकि, कुछ हलकों में यह तर्क दिया जा रहा है कि वे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी रहे हैं, जो उनकी दावेदारी में बाधा बन सकता है।
2. आनंद कुमार (IAS, 1994 बैच)
वर्तमान में वन एवं पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं। उनकी छवि साफ-सुथरी और सर्वस्वीकार्य है। उन्हें प्रशासनिक कौशल और संवाद क्षमता के लिए जाना जाता है।
राजनीतिक रूप से वे तटस्थ रहे हैं, और कांग्रेस व बीजेपी—दोनों सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं।
3. अभय कुमार (IAS, 1992 बैच)
वरिष्ठता के लिहाज से सबसे आगे माने जा रहे हैं। वर्तमान में जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं।
राजपूत समुदाय से आने के कारण जातीय समीकरण उनके पक्ष में जा सकता है। हालांकि, कुछ अधिकारी उन्हें कम मिलनसार बताते हैं।
मुख्य सचिव सुधांश पंत का दिल्ली तबादला न केवल राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में हलचल लेकर आया है, बल्कि यह प्रशासनिक शक्ति-संतुलन में बदलाव का संकेत भी माना जा रहा है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा किस अफसर पर भरोसा जताकर राज्य की नौकरशाही की कमान सौंपते हैं।




