भीलवाड़ा जिला जेल में संतरी की संदिग्ध मौत, निगरानी टावर पर लगी गोली — सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा
भीलवाड़ा, 9 November शनिवार रात।
शहर की जिला जेल में शनिवार रात उस समय हड़कंप मच गया जब निगरानी टावर पर तैनात एक आरएसी कांस्टेबल की गोली लगने से मौत हो गई। कांस्टेबल के सीने में दो गोलियां लगी मिली हैं, जिससे यह मामला संदिग्ध माना जा रहा है। घटना की सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की गई है।
मृतक की पहचान किशनगढ़ के पास हरमाड़ा गांव निवासी रामकिशोर मोडिवाल के रूप में हुई है। वह आरएसी में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत थे और इन दिनों भीलवाड़ा जिला जेल में संतरी ड्यूटी पर तैनात थे। शनिवार को उनकी ड्यूटी शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक की थी।

सूत्रों के अनुसार, रात करीब 10 बजे जब अगले प्रहरी ने ड्यूटी संभालने के लिए निगरानी टावर पर पहुंचा, तो उसने देखा कि रामकिशोर खून से लथपथ पड़े हैं। उनकी राइफल पास में ही पड़ी हुई थी। साथी प्रहरियों ने तुरंत जेल प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद मौके पर हड़कंप मच गया।
घटना की जानकारी मिलते ही जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पारस जैन, सीओ सिटी मनीष बड़गूजर सहित कई अधिकारी रात में ही जेल परिसर पहुंचे। पुलिस अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया और घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए।
फिलहाल पुलिस यह जांच कर रही है कि यह मामला आत्महत्या, अकस्मात दुर्घटना या किसी संदिग्ध परिस्थिति में हुई मृत्यु का है। राइफल से गोली चलने की दिशा और दूरी की तकनीकी जांच के लिए एफएसएल टीम को भी बुलाया गया है।
परिजनों को सूचना दी गई है और वे किशनगढ़ से भीलवाड़ा के लिए रवाना हो गए हैं। पोस्टमार्टम रविवार सुबह जिला अस्पताल में कराया जाएगा।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मृतक के मोबाइल रिकॉर्ड, ड्यूटी रजिस्टर, और जेल सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाएगी ताकि घटना की पूरी सच्चाई सामने आ सके।
घटना के बाद जेल प्रशासन में दहशत का माहौल है। जेल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि निगरानी टावर पर ड्यूटी के दौरान किसी प्रहरी का इस तरह गोली लगना बेहद गंभीर मामला माना जा रहा है।
जांच जारी है, पुलिस ने कहा है कि प्राथमिक रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।





