आरबीएसके कार्यक्रम की समीक्षा बैठक का आयोजन, जिले में कुपोषित बच्चों का नियमित फॉलोअप कर एमटीसी मेंउपचार करवाने के चिकित्सकों को दिये निर्देश
गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा
भीलवाड़ा, 08 फरवरी। जिले में बुधवार को डीईआईसी भवन में आरबीएसके कार्यक्रम की आयोजित मासिक समीक्षा में मोबाइल हेल्थ टीम के आयुष चिकित्साधिकारियों, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता व फार्मासिस्टों को जिले में स्क्रीनिंग के दौरान चिन्ह्ति कुपोषित बच्चों का आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व एएनएम के साथ समन्वय स्थापित कर नियमित फॉलोअप करा एमटीसी केंद्र में उपचार करवाने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मोबाईल हैल्थ टीमों को पुरस्कार वितरण कर सम्मानित किया गया। इस दौरान सहायक नोड़ल अधिकारी डॉ. सोनिया छाबड़ा, फिजियोथेरेफिस्ट शांतिलाल, सोशल वर्कर हेमन्त कुमार, जिला आईईसी समन्वयक अशोक प्रजापत सहित मोबाईल हैल्थ टीमों के चिकित्सा अधिकारी व अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुस्ताक खान ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जिले में बच्चों के जीवन की समग्र गुणवत्ता को ऊपर उठाने के लिए कार्य कर रहा है और उन्हें अपनी सम्पूर्ण क्षमता को पाने योग्य बनाने के लिए प्रयासरत है। आरबीएसके के तहत मोबाईल हेल्थ टीमों के माध्यम से 18 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों की स्क्रीनिंग कर जन्मजात बीमारियों जैसे-कटे होंठ तालू, तंत्रिका ट्यूब दोष, डाउन सिंड्रोम, एनीमिया, विटामिन ए-डी की कमी, कुपोषण, जन्मजात मोतियाबिंद व दिल समेत दूसरी बीमारियों की पहचान कर ली जाए तो इनका इलाज़ संभव है। बैठक में डॉ. शर्मा ने आरबीएसके कार्यक्रम की अप्रैल, 2022 से जनवरी, 2023 तक की प्रगति की ब्लॉकवार समीक्षा कर फिल्ड में कार्य करने में आ रही समस्याओं को जाना और अविलंब उनका निराकरण कराने की बात कही।
जिले में अप्रैल, 2022 से अब तक लगभग 2 लाख 74 हजार 790 बच्चों की टीमों के माध्यम से स्क्रीनिंग की गई और 13 हजार 894 बच्चों को उच्च चिकित्सा संस्थानों में रेफर किया गया तथा 11 हजार 528 बच्चों को उपचार की सुविधा देकर 118 बच्चों को निःशुल्क सर्जरी का लाभ दिया गया। इस दौरान उन्होंने पोषण कार्यक्रम के तहत विशेष प्राथमिकता वाले ब्लॉक सुवाणा, गुलाबपुरा व शाहपुरा मोबाईल हैल्थ टीमों को स्क्रीनिंग में प्राप्त कुपोषित बच्चों को रेफर कर एमटीसी केन्द्र में उपचार उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये तथा आंगनबाडी व स्कूलों में टीकाकरण में पेंडेंसी को दूर करने के लिए डीपीटी व टीडी टीकाकरण हेतु अभिभावकों को अभिप्रेरित कर टीकों की उपयोगिता बताएं और फिल्ड में आशा व एएनएम के सहयोग से वंचित बच्चों के टीके लगवाने के निर्देश चिकित्सा अधिकारियों को दिये।