नगर विकास न्यास द्वारा सिचाई विभाग की भूमि पर नियमविरुद्ध भूखण्ड आवंटन का बड़ा मामला,
पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष लादू लाल तेली ने भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर मुख्यमंत्री व एसीबी को लिखा पत्र
गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा
भीलवाड़ा 02 जुलाई l
कांग्रेस शासनकाल में नगर विकास न्यास, भीलवाड़ा द्वारा सिचाई विभाग की कीमती भूमि पर नियमों की अनदेखी करते हुए भूखण्ड काटे जाने व मुआवजा देने के नाम पर करोड़ों की राजस्व हानि पहुंचाने का मामला सामने आया है। पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष एवं अधिवक्ता श्री लादू लाल तेली ने इस गंभीर प्रकरण को उजागर करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पुलिस महानिदेशक, एसीबी तथा जिला कलेक्टर को पत्र भेजकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की मांग की है। श्री तेली ने पत्र में बताया कि आरजे फिनलिज प्रा. लि. की पुर रोड स्थित आराजी संख्या 7572/3 व 7572/2 (कुल 15 बीघा 2 बिस्वा) भूमि को रामप्रसाद लढा नगर बहुउद्देश्यीय योजना के तहत नगर विकास न्यास द्वारा अधिग्रहित किया गया था। नियमानुसार मुआवजा अधिग्रहित भूमि पर ही दिया जाना चाहिए, परंतु अधिकारियों ने आपसी मिलीभगत और पदीय दुरुपयोग के चलते मुआवजा स्वरूप सिचाई विभाग की बहुमूल्य नहर भूमि (खसरा संख्या 7433 व 7431) पर भूखण्ड काटकर आवंटन कर दिया।इस मुआवजे में 20% आवासीय भूमि (9135.50 वर्गगज) और 5% व्यवसायिक भूमि (2283.875 वर्गगज) शामिल रही, जिसे भूखण्ड संख्या 1-ए-2 से 1-ए-20 तथा सेक्टर-3 के कमर्शियल ब्लॉक संख्या 01 में 128×160 वर्गफीट आकार के भूखण्डों के रूप में दिनांक 05.12.2013 को आवंटित किया गया। यह जमीन सिचाई विभाग के नाम दर्ज थी और मौके पर नहर भी मौज़ूद थी, बावजूद इसके वहां भूखण्ड काटकर मुआवजा देना घोर भ्रष्टाचार व नियमों की खुली अनदेखी दर्शाता है।इतना ही नहीं, बिल्याखुर्द पंचायत हल्का पुर, भीलवाड़ा में स्थित मेजा बांध की दायीं मुख्य नहर के समीप आराजी संख्या 1444/471 और 471, जो कि सिचाई विभाग के अधिकार क्षेत्र में दर्ज है तथा जहां पर वर्षों से गेगहट (नहर संरचना) बनी हुई है, को भी गैरयोजना क्षेत्र में दर्शाकर भूमाफियाओं से मिलीभगत कर न्यास अधिकारियों द्वारा पट्टे जारी कर दिए गए।श्री तेली ने आरोप लगाया कि नगर विकास न्यास एवं सिचाई विभाग के तत्कालीन अधिकारियों की सांठगांठ से करोड़ों रुपये की सार्वजनिक संपत्ति कौड़ियों में बांटी गई है, जिससे सरकार को भारी राजस्व नुकसान हुआ है। उन्होंने प्रमुख रूप से अधिशासी अभियंता छोटूलाल कोली, तत्कालीन न्यास सचिव, विशेषाधिकारी, अध्यक्ष सहित सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर भ्रष्टाचार अधिनियम, पद के दुरुपयोग, विधिक अवज्ञा व आपराधिक षड्यंत्र के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है।तेली ने मांग की कि उक्त मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों की जिम्मेदारी तय की जाए तथा उन्हें दंडित किया जाए। साथ ही सरकार को हुई राजस्व हानि की भरपाई दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों की वेतन राशि में कटौती कर की जाए।यह प्रकरण नगर विकास न्यास व सिचाई विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। अब देखना यह है कि सरकार एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो इस गंभीर मामले में क्या कार्रवाई करते हैं।
रिपोर्ट: राजेन्द्र कुमार शर्मा
(अधिस्वीकृत पत्रकार, राजस्थान सरकार)