विदेशी सब्जी उत्पादन कर बढ़ाये आमदनी-डॉ. चावला

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विदेशी सब्जी उत्पादन कर बढ़ाये आमदनी-डॉ. चावला

गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा

भीलवाडा 10 जनवरी। कृषि विज्ञान केन्द्र पर कृषक उत्पादक समूह हेतु उद्यान विभाग एवं त्ॅैस्प्च् द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण विदेशी सब्जियों की उन्नत उत्पादन तकनीकी विषय पर आयोजित किया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी.एम. यादव ने विदेशी सब्जियों की उन्नत किस्में, अनुकूल जलवायु, खेत का चयन एवं तैयारी, पौध तैयार करना, खाद एवं उर्वरक की जानकारी देते हुए प्रमुख विदेशी सब्जियों जैसे ब्रोकली, जुगनी, लेट्यूस, सेलरी, रेड कैबेज आदि की उत्पादन तकनीकी से अवगत कराया। संयुक्त निदेशक कृषि डॉ. जी.एल. चावला ने बताया कि विदेशी सब्जी उत्पादन के लिए सर्वप्रथम बाजार मांग एवं मौसम के अनुसार सब्जियों का चयन करना आवश्यक है तथा विभाग द्वारा देय अनुदानों की चर्चा करते हुए वैज्ञानिक तरीके से विदेशी सब्जी उत्पादन कर आमदनी बढ़ाने पर जोर दिया। प्रोफेसर शस्य विज्ञान डॉ. के.सी. नागर ने विदेशी सब्जियों हेतु समन्वित पोषक तत्त्व प्रबन्धन, खरपतवार प्रबन्धन की तकनीकी के साथ ग्रीन हाऊस एवं पॉली हाऊस में सब्जी उत्पादन की विधा से अवगत कराया। कृषि महाविद्यालय के मृदा वैज्ञानिक डॉ. रविकान्त शर्मा ने विदेशी सब्जियों के उत्पादन में मृदा की अहम् भूमिका बताते हुए रसायन मुक्त खेती करने की आवश्यकता प्रतिपादित की त्ॅैस्प्च् के ज्। इंजिनियर निशान्त गौड़ ने विदेशी सब्जियों का सुरक्षित भण्ड़ारण एवं विपणन की तकनीकी के साथ सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली, फव्वारा एवं बूँद-बूँद सिंचाई प्रणाली द्वारा जल बचत करने का सुझाव दिया। सहायक कृषि अधिकारी नन्द लाल सेन ने प्राकृतिक खेती तकनीकी अपनाकर जीवामृत, बीजामृत एवं घन जीवामृत बनाना सिखाया। वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता प्रकाश कुमावत ने केन्द्र पर स्थापित सजीव इकाईयों का भ्रमण करवाया।

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