गौरव रक्षक/शिवभानू सिंह बघेल
9 जून सतना:
यह कल्लू का सट्टा है या आरक्षक संदीप तिवारी का
यह सतना शहर का दुर्भाग्य है जहां एम एस उपाध्याय जैसे लचर सिफारिश टी आई तैनात हैं । शहर का बजरहा टोला, धवारी और कोलगवां थाना क्षेत्र ड्रग मंडी के रूप में जाने जाते हैं । आंकड़े बताते हैं कि कोलगवां क्षेत्र में टी आई डी पी सिंह चौहान ने विगत डेढ़ वर्षो में प्रभावी कार्रवाई की है लेकिन बजरहा टोला, धवारी के गांजा, कोरेक्स के तस्कर टीआई के दरबारी हुआ करते हैं । तो वहीं नजीराबाद के पशु तस्कर यहां की पुलिस के तारे हैं । यहां एक चलन है कि लगभग टीआई के स्थानीय पृष्ठभूमि से जुड़े एक दो आरक्षकों को अपना व्यवस्थापक वसूली अधिकारी बना रखा है । दरअसल ये वे आरक्षक होते हैं जिन्हें माफियाओं के एजेंट के रूप में जाना जाता है । सिटी कोतवाली में आरक्षक संदीप तिवारी इसी में कुख्यात और विख्यात है उल्लेखनीय है कि यह किसी से छिपा नहीं है कि शहर का सर्वाधिक सट्टा इसी थाना क्षेत्र में होता है । सटोरियों से व्यापारी परेशान है लेकिन उनके साथ संदीप तिवारी है तो कल्लू सटोरियों का कौन क्या बिगाड़ सकता है । उपाध्याय को सरकार के सुशासन व कानून व्यवस्था से कोई मतलब नहीं मतलब है तो अपनी जेब से ।
पीड़ित महिलाओं को मिल रही है कुसुम की खुशबु
सतना में आज के दौर में महिला उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ गई हैं महिलाएं कहीं घरेलू हिंसा की शिकार है तो कहीं दहेज लोभिओ की सताई हुई । अमूमन महिलाएं पहले अपने क्षेत्र के थानों में जाती है लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिलता और महिला थाना के नाम टरका दिया जाता है । ऐसे में पीड़ित महिलाएं महिला थाना का रुख लेट करती हैं । वैसे पूर्व में यह थाना वसूली थाना के रूप में बदनाम रहा है लेकिन थाने की कमान जबसे अनुभवी टीआई कुसुम कली के हाथों में आई है थाने की आबोहवा ही बदल गई है । न कोई भीड़ न कोई दलाल, पीड़ित सीधे टीआई मैडम से मिलते हैं और वे अपनी मॉनिटरिंग में प्रकरण की जांच करवाती है । कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि महिला थाना में पीड़ित महिलाओं को कुसुम की खुशबु मिल रही है ।
यूंकि
गजब की धूप है मेरे शहर में, फिर भी कुछ लोग धूप से नहीं मुझसे जलते हैं ।
तेरे शहर के कारीगर बड़े अजीब हैं ए दिल ,
*कांच की मरम्मत करते हैं , पत्थर के औजारों से ।