मोदी शासन के 11 वर्ष : सेवा, सुशासन और सबका साथ…
गौरव रक्षक/ दीप प्रकाश माथुर ।
10जून 2025, जयपुर।
9 जून 2025 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने 11 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। इन वर्षों को सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के प्रतीक रूप में देखा जा रहा है। हमारे देश में “11” की संख्या को शुभ माना जाता है, और मोदी शासन के 11 वर्षों की यह उपलब्धि इसलिए भी उल्लेखनीय है क्योंकि इस सरकार में विभिन्न विचारधाराओं वाले दल भी शामिल हैं।
श्री नीतीश कुमार और श्री चंद्रबाबू नायडू जैसे नेता, जो पहले भाजपा की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं, उन्होंने श्री मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए एनडीए के साथ आकर कार्य किया। यह भारतीय राजनीति में एक ऐतिहासिक और विचारणीय घटनाक्रम है।
2014 से उम्मीदों का युग शुरू
2014 में जब श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार सत्ता में आई, तब देशभर में उत्साह की लहर थी—चाहे युवा हों, किसान, महिलाएं, या दलित। लोगों को आशा थी कि यह सरकार भारत को वैश्विक मंच पर एक सशक्त, विकसित राष्ट्र के रूप में प्रस्तुत करेगी।
इन अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए श्री मोदी ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। बताया जाता है कि उन्होंने इन 11 वर्षों में एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली, और प्रतिदिन 18 घंटे कार्यरत रहते हुए देश के प्रति अपना समर्पण प्रमाणित किया।
सुशासन और निर्णायक नेतृत्व
मोदी शासन की सबसे बड़ी विशेषता रही है—निर्णायक नेतृत्व। चाहे डोकलाम और गलवान की चुनौती हो, या कोरोना महामारी का संकट, प्रधानमंत्री ने जनता को न केवल आश्वस्त किया बल्कि देश को इन संकटों से उबारा।
कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री ने बार-बार जनता से संवाद कर विश्वास कायम किया। वहीं, आर्थिक अवरोधों को भी समय रहते दूर कर भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर किया।
विकास के प्रमुख आयाम
मोदी शासन के 11 वर्षों में गरीब, किसान, महिलाएं और युवाओं के लिए अनेक योजनाएं लागू की गईं:
• जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत अभियान, आयुष्मान भारत, डिजिटल इंडिया, जन औषधि योजना, किसान सम्मान निधि, मेक इन इंडिया—ये योजनाएं देश को नई दिशा में ले गईं।
• धारा 370 की समाप्ति एक ऐतिहासिक राजनीतिक निर्णय रहा, जिससे कश्मीर को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिली।
• आधारभूत संरचना में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, रोजगार, परिवहन के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई।
शिक्षा और स्वास्थ्य में क्रांति
• मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 (2014) से बढ़कर 780 (2025) हो गई।
• एमबीबीएस सीटें 51,348 से बढ़ाकर 1,18,000 कर दी गईं।
• कॉलेजों की संख्या 38,498 से 51,959 तथा विश्वविद्यालयों की संख्या 760 से बढ़कर 1,334 हो गई।
• फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी, रेल एवं परिवहन यूनिवर्सिटी, लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय, पूर्वोत्तर में एम्स जैसे संस्थानों की स्थापना हुई।
• IIT की संख्या 16 से बढ़कर 23 हो गई।
रोजगार और स्टार्टअप को बढ़ावा
• स्किल इंडिया मिशन के तहत 2.27 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण।
• 10,000+ अटल टिंकरिंग लैब, जिसे 5 वर्षों में 50,000 तक पहुंचाने का लक्ष्य।
• स्टार्टअप के माध्यम से 1.61 लाख नौकरियों का सृजन।
गरीबों और किसानों के लिए ऐतिहासिक योजनाएं
• 12 करोड़ शौचालयों का निर्माण—स्वच्छता में क्रांति।
• जनधन योजना से 55 करोड़ बैंक खाते।
• आयुष्मान भारत: 40 करोड़ स्वास्थ्य कार्ड।
• किसान सम्मान निधि: 11 करोड़ किसानों को ₹368 लाख करोड़ की सहायता।
• उज्ज्वला योजना: 10 करोड़ महिलाओं को लाभ।
• मुफ्त राशन वितरण: 81 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित।
रक्षा और आत्मनिर्भर भारत
• INS विक्रांत, राफेल और तेजस जैसे अत्याधुनिक हथियारों की तैनाती।
• रक्षा साइबर एजेंसी व अंतरिक्ष एजेंसी की स्थापना।
• “एक रैंक एक पेंशन”, सैन्य आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भर रक्षा नीति।
अन्य उल्लेखनीय उपलब्धियां
• राम मंदिर निर्माण, चंद्रयान मिशन, करतारपुर कॉरिडोर।
• नई संसद भवन का निर्माण।
• वार मेमोरियल, रेलवे आधुनिकीकरण, नए एयरपोर्ट निर्माण।
• डिजिटल इंडिया से भ्रष्टाचार पर रोक।
• बेटियों के लिए “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” अभियान।
• गंगा सफाई हेतु “नमामि गंगे”।
समकालीन चुनौतियां
हालांकि प्रगति की गति सराहनीय रही है, फिर भी कुछ बिंदु ऐसे हैं जिनपर ध्यान देना आवश्यक है:
1. रुपए की गिरती कीमत – डॉलर के मुकाबले सुधार आवश्यक।
2. जातीय और सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करना।
3. महंगाई नियंत्रण, विशेषकर पेट्रोल-डीजल की कीमतें।
4. रोजगार के नए अवसरों का निर्माण।
5. MSME और स्टार्टअप को और अधिक प्रोत्साहन।
6. भ्रष्टाचार, साइबर अपराध और ड्रग्स पर नियंत्रण।
7. ऑनलाइन जुआ और पोर्नोग्राफी पर रोक।
8. युवाओं को सही दिशा देने की पहल।
9. संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता बनाए रखना।
10. अंतरराष्ट्रीय संबंधों को और सुदृढ़ करना।
निष्कर्ष
मोदी शासन के 11 वर्ष एक निर्णायक, समर्पित और विकासोन्मुख नेतृत्व की मिसाल रहे हैं। इन वर्षों में भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति मजबूत की है और विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। परंतु, भविष्य में देश को और अधिक समृद्ध बनाने के लिए सरकार को समकालीन चुनौतियों का विवेकपूर्ण समाधान करना होगा। तभी भारत “विकसित राष्ट्र” की अपनी आकांक्षा को साकार कर सकेगा।
लेख: दीप प्रकाश माथुर(पूर्व R A S )