ग्रामीणों एवं पुलिस में परस्पर विश्वास कायम करने में सार्थक सिद्ध हो रही ग्राम रक्षक योजना..

0
148

ग्रामीणों एवं पुलिस में परस्पर विश्वास कायम करने में सार्थक सिद्ध हो रही ग्राम रक्षक योजना..

गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा

6 जून, जयपुर

▪️मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की पहल पर “अपने ग्राम की सुरक्षा अपने हाथ ध्येय वाक्य के साथ राजस्थान सरकार ने सभी राजस्व आबाद ग्रामों में सामुदायिक पुलिस व्यवस्था को मजबूत बनाने एवं ग्रामीण क्षेत्रों तक इसका विस्तार करने के लिए महत्वाकाक्षी ग्राम रक्षक योजना प्रारंभ की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आंतरिक सुरक्षा एवं अपराध नियंत्रण को सम्बल प्रदान करने के लिए ग्रामीणों एवं पुलिस में सामंजस्य, आपसी संवाद एवं परस्पर विश्वास कायम करना है। इस योजना के तहत प्रदेश में कुल 38 हजार 934 राजस्व आबाद गांव में ग्राम रक्षक नियुक्त किए जा रहे हैं। अब तक 34 हजार 48 ग्राम रक्षक सूचीबद्ध किए जा चुके है। शेष रहे आबाद गांव मैं ग्राम रक्षकों को सूचीबद्ध करने का कार्य प्रगति पर है।

▪️पुलिस मुख्यालय स्तर से योजना के क्रियान्वयन की नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है एवं सभी जिला पुलिस अधीक्षक गण को जिला स्तर पर इस योजना को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए गए हैं।

▪️ग्राम रक्षक योजना के माध्यम से ग्रामीणों को अपनी सुरक्षा के लिए स्वावलंबी के लिए ऐसी व्यवस्था कायम की जा रही है जो न केवल पुलिस की पहुँच ग्रामवासियों तक बढ़ायें अपितु ग्रामवासी भी स्वयं पुलिस के सहयोगी बनकर बिना झिझक व बिना दबाव के अपनी पीड़ा पुलिस को बता सकें। साथ ही ग्राम रक्षकों के सहयोग से पुलिस ग्रामवासियों की पीड़ा का यथासंभव समाधान कर सके।

▪️ग्राम रक्षकों का चयन निष्पक्ष व निर्विवाद रूप से करने के लिये योग्यता व एक प्रक्रिया निर्धारित की गई। जिला पुलिस अधीक्षक अपने क्षेत्राधिकार के अधीन जिले में किसी गांव या गांवों के समूहों के लिए ग्राम रक्षक के रूप में कार्य करने के लिए आवश्यक योग्यता रखने वाले किसी स्थानीय यक्ति को निर्धारित प्रक्रिया अपनाते हुए सूचीबद्ध कर सकते हैं। ग्राम रक्षक अवैतनिक कार्यकर्ता है। प्रत्येक ग्राम रक्षक को कार्य करते समय जिला पुलिस अधीक्षक या प्राधिकृत अधिकारी द्वारा जारी पहचान पत्र और पहचान बैज को पहनने के निर्देश दिये गए हैं। ग्राम रक्षक की पदावधि पूर्ण करने या अन्य किसी कारण से ग्राम रक्षक नहीं रहने पर उसे अपना ग्राम रक्षक पहचान पत्र व पहचान बैज पुलिस थाने में जमा कराना होगा।

▪️ग्राम रक्षक सूचिबद्ध होने के लिए निर्धारित योग्यता शर्तों के अनुसार आवेदक आठवीं कक्षा पास हो, आवेदक का नैतिक चरित्र अच्छा हो और यह अपराधों में लिप्त ना हो, आवेदक शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ हो, आवेदक की आयु 40-55 वर्ष के मध्य हो, केन्द्रीय या राज्य अर्द्धसैनिक बल के भूतपूर्व सैनिक / सेवानिवृत अथवा अर्द्धसैनिक कार्मिक या गृहरक्षा स्वयं सेवक को प्राथमिकता दी गयी है। ग्राम रक्षक राजनैतिक दल या उसके सहबद्ध दल का सदस्य नहीं होना चाहिए।

▪️ग्राम रक्षक को 2 वर्ष की अवधि के लिए सूचीबद्ध किया जा रहा है। ग्राम रक्षक यदि अपने कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्यों की पालना में लापरवाही करता पाया जाएगा या उसके विरूद्ध कोई आपराधिक
प्रकरण दर्ज होता है, तो तुरन्त निर्धारित प्रक्रिया अपनाकर हटाया जा सकेगा और उसे पुनः ग्राम रक्षक के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया जाएगा। ग्राम रक्षक को ग्राम रक्षक पंजिका एवं मार्गदर्शिका उपलब्ध करायी जा रही है। मार्गदर्शिका के अनुसार जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा ग्राम रक्षक को आवश्यक प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। प्रशिक्षण के उपरान्त ही ग्राम रक्षक को पहचान पत्र एवं बैज दिए जा रहे हैं।

▪️ग्राम रक्षक के कर्तव्य और उत्तदायित्व निर्धारित किये गए हैं। ग्राम रक्षक ग्राम में किसी अपराध के होने या कानून और व्यवस्था की स्थिति की पुलिस थाने को शीघ्रता से रिपोर्ट करेगा और अपराधियों से जबाब तलब करने में पुलिस की सहायता करेगा ग्राम में अपराध के निवारण और विधि और • व्यवस्था की समस्या के निवारण को ध्यान में रखते हुए सामान्य चौकसी बनाए रखना तथा उसके बारे में पुलिस थाने का तुरन्त सूचना देना ग्राम रक्षक का उत्तरदायित्व है। ग्राम रक्षक ग्राम में किसी • सदिग्ध क्रियाकलाप किसी संदिना व्यक्ति की गतिविधि या किसी षड्यंत्र के प्रति जागरूक और संवेदनशील रहकर ऐसी सूचना तत्परता से पुलिस थाने को प्रेषित करेगा।

▪️ग्राम रक्षक ग्राम में ऐसे क्रियाकलाप और घटनाओं, जिनका अपराध कानून और व्यवस्था या पुलिस से सम्बन्धित अन्य मामलों पर असर पड़ सकता है की रिपोर्ट करने के लिए पुलिस थाने ने न्यूनतम अन्तराल पर देना भी ग्राम रक्षक का कर्तव्य है। इसके अतिरिक्त ग्राम रक्षक विहित अभिलेखों और रजिस्टरों को संधारित करवाने के साथ ही पुलिस व्यवस्था से सम्बन्धित किसी लोक व्यथा या शिकायत को लोक करेगा। ग्राम में अपराध एवं कानून और व्यवस्था से सम्बन्धित मामलों पर ग्राम पंचायत से सम्पर्क बनाये रखेगा एवं गश्त लगाने में पुलिस की सहायता करेगा। इसके अतिरिक्त ऐसे अन्य कर्तव्यों का निर्वहन भी करेगा, जो जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा बताये जाए।

▪️ग्राम रक्षक के कार्य का मासिक मूल्याकन एक समिति द्वारा किया जा रहा है। इस समिति की अध्यक्षता सहायक पुलिस आयुक्त या वृताधिकारी करते हैं एवं थानाधिकारी व बीट प्रभारी व इसके सदस्य है। इस अभिनव योजना के तहत बने ग्रामरक्षक उत्साह के साथ अपने दायित्व का निर्वहन करने के लिए तत्पर है। यह योजना ग्रामवासियों को अपने ग्राम की कानून व्यवस्था के प्रति अधिक जागरूक कर रही है।

▪️जुलाई 2020 से प्रारंभ ग्राम रक्षक योजना अंतर्गत सूचीबद्ध ग्राम रक्षकों द्वारा पुलिस को अनेक क्षेत्रों में सक्रिय सहयोग प्रदान किया जा रहा है। विभिन्न गैंग के मुलजिम को गिरफ्तार करवाने, पोक्सो व बलात्कार के गुलजिमों को गिरफ्तार करवाने, चोरी लूट आदि में माल बरामद कराने, हत्या जैसे संगीन अपराधों के पर्दाफाश में पुलिस की सहायता. सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को चिकित्सालय पहुंचाना रात्रि गश्त, सांप्रदायिक सदभावना बढ़ाने आदि क्षेत्रों में ग्राम रक्षकों द्वारा उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। इन्हें देखते हुए राज्य सरकार व राजस्थान पुलिस की महत्वकाक्षी योजना ग्राम रक्षक सही मायनों में अपने उद्देश्यों में सफल प्रतीत हो रही है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here