प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है रामपुर का बाबू राज, इनका कहना है क्या होता है है इलेक्शन अर्जेंट

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प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है रामपुर का बाबू राज,
इनका कहना है क्या होता है है इलेक्शन अर्जेंट

गौरव रक्षक/शिवभानु सिंह

4जून, सतना

सतना – किसी ने कहा था कि सुशासन की राह में बाबू स्पीड ब्रेकर है । यह सच्चाई है, बड़े प्रशासन अधिकारी जनता का काम करना चाहते हैं, लेकिन बाबू की गिरोह दीवार बनकर खड़ी हो जाती है सांसद ,विधायक, कलेक्टर ,अधिकारियों के काम बताते हैं लेकिन इन माननीयों को पता कि आज के दौर में अधिकारियों से बड़े बाबू हो गए हैं । हमारे घूमता आईने ने रामपुर बघेलान के एसडीएम व तहसीलदार कार्यालय की कई दिनों तक निगरानी की तो पाया कि यहां के बाबू तो बड़े महान हैं । यहां एसडीएम व सभी तहसीलदार तो दिनभर जनता के लिए उपलब्ध रहते हैं लेकिन बाबू नदारद रहते हैं । पवन सोनी नामक बाबू तो कभी दिखता ही नहीं वही सरिता वर्मा ,आदित्य श्रीवास्तव, मृगेश खेर नामक बाबू 12:00 बजे आते हैं 4:30 बजे गायब हो जाते हैं । यह रीवा सतना कहां से आते हैं किसी को नहीं पता है यह पता जरूर है कि यह रामपुर मुख्यालय में नहीं रहते । यूं तो इनका लेट आना जल्दी जाना 12 महीने का काम है लेकिन इलेक्शन अर्जेंट में इनका यह रवैया हैरान करने वाला है । जनता के छोटे-छोटे काम इनकी वजह से नहीं हो पा रहे हैं । कलेक्टर ,एसडीएम ,तहसीलदार जनता के लिए उपलब्ध है लेकिन इनकी उपलब्धता बाबू के बिना शुन्य हो जाती है क्यों ये अधिकारी फाइल या कागज ढूंढने से तो रहे । सबसे अधिक भव्य शाही एसडीएम कार्यालय की है एसडीएम महोदय का अपने कार्यालय में एवं बाबू पर कोई नियंत्रण नहीं दिखाई देता आखिर शासन द्वारा ई एल की छुट्टी 13 दिन की ही मिलती है तो फिर पवन सोनी जैसे लोग हमेशा लापता कैसे रहते हैं यह जांच का विषय है कि इन सभी बाबू ने कितने दिन की ई एल की छुट्टी ली और क्या यह बिना छुट्टी लिए ही गायब रहते हैं ऐसे में इन को वेतन कैसे मिलता है यह भी जांच का विषय है ।जनता ने कलेक्टर अनुराग वर्मा ,एसडीएम सुधीर बेक, तहसीलदार अजयराज सिंह, नायब तहसीलदार अरुण यादव एवं हिमांशु शुक्ला से मांग की है कि वे बाबू पवन सोनी, सरिता वर्मा ,आदित्य एवं श्रीवास्तव की तानाशाही पर अंकुश लगाते हुए कार्रवाई करें ।

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