सहकारिता को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री के प्रयासों पर पाटनकर का कुठाराघात

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सहकारिता को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री के प्रयासों पर पाटनकर का कुठाराघात

गौरव रक्षक/शिव भानु सिंह

4 जून सतना – दिल्ली और भोपाल के नेक प्रयासों पर अगर निचली मशीनरी पानी न फेरे तो वह किस काम की । सहकारिता को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में अलग सहकारिता मंत्रालय बनाकर देश के कद्दावर नेता अमित शाह को उसका मंत्री बनाया । वहीं प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के जुझारू नेता अरविंद सिंह भदोरिया को सहकारिता मंत्री बनाकर एक सख्त संदेश दिया । लेकिन नतीजा सिर्फ भ्रष्टाचार । जनता व किसानों से जुड़ी सेवा सहकारी समिति और राशन की दुकाने जनता को लूटने का अड्डा बनी हुई है । जिले की प्रामाणिक शिकायतों पर कोई कार्रवाई न होना यह दर्शाता है कि लूट के सिकंदर डी.आर.ए.के पाटनकर कितने शक्तिशाली हैं । पाटनकर के भ्रष्टाचार के चलते कई सहकारी समितियां भ्रष्टाचार में आंकठ डूब कर मजे मार रहे हैं । लेकिन अब इन भ्रष्टाचारियों के दिन पूरे हो गए हैं । कलेक्टर अनुराग वर्मा ने इसकी खबर लेना शुरू कर दी है ।
शिवराजपुर समिति प्रबंधक निलंबित अब एफ.आई.आर की तैयारी
मृत किसानों के नाम पर फर्जी सिकमी पंजीयन कराकर लाखों रुपए का गबन करने वाले शिवराजपुर के महाभ्रष्ट शिरोमणि हरिराम पांडेय को निलंबित कर दिया गया है । पूर्व कलेक्टर के एफ आई आर के निर्देश आज तक डस्टबिन में है । लेकिन अब किसानों को कलेक्टर से न्याय का भरोसा है ।
ऐसी इमानदार थी हमारी पुलिस
यही वो कमी है जो इमानदारी को ढोंग रचने वाली पुलिस अधिकारियों को कठघरे में खड़ा करती है । ऐसे कई मामले हैं जब कलेक्टर ने भ्रष्टों के खिलाफ एफ.आई.आर के निर्देश दिए लेकिन आज तक एक भी भ्रष्टाचारी न्याय के दरवाजे तक नहीं पहुंच सका । किसी थाना प्रभारी की हिम्मत नहीं कि वह डीएम के निर्देश न माने लेकिन सहकारिता व पुलिस नेतृत्व की मिलीभगत से भ्रष्टाचारी सीकचो जो तक नहीं पहुंच पाए । अब पुलिस कप्तान आशुतोष गुप्ता से किसानों को उम्मीद है कि कलेक्टर की पहल पर वे एफ.आई.आर कर भ्रष्टों को जेल भेजेंगे ।

जंगल जलाने वाले जुगनू राजेंद्र मिश्रा पर मोहित सक्सेना का चाबुक
घूमता आइना जब भ्रष्टाचारियों की तस्वीरें लेता है तो उस भ्रष्टाचारी पर कार्रवाई तय है । पर्यावरण विभाग में पदस्थ “जंगल जलाने वाले जुगनू” एस के मिश्रा की कालर इ ओ डब्ल्यू के होनहार इंस्पेक्टर मोहित सक्सेना ने नाप ली । गौरतलब है की  एक न्यूज पेपर ने महीनों पहले ही मिश्रा के भ्रष्टाचारी कारनामों को उजागर कर दिया था, इस जिले में कोई भी भ्रष्टाचारी व्यवस्था के रहमों करम पर कुछ दिन राहत पा सकता है लेकिन उसका अंजाम वही होगा जो एस के मिश्रा का हुआ है । गौरतलब है कि भ्रष्टाचारियों की कालर नापने वाले मोहित सक्सेना जिले में पुलिस इंस्पेक्टर थे, और कोलगंवा थाना प्रभारी रहते हुए कई बड़े अपराधों का खुलासा किया था , सुकून देने वाली बात है कि कोलगंवा में उनका स्थान लेने वाले डीपी सिंह चौहान भी सफलता के नित नए झंडे गाड़ रहे हैं और जिले के सर्वश्रेष्ठ थाना प्रभारी है । कहने का मकसद यह है कि समाज हित में सोचने वाला कोई भी होनहार अधिकारी कहीं भी रहे सफलता उससे दूर नहीं रह सकती । अब घूमते आईने की नजर बथिया मैह के भ्रष्ट शिरोमणि महेंद्र तिवारी और सिंघाड़ा बेचकर करोड़पति बने बारा पत्थर नागौद के समिति प्रबंधक आशीष रैकवार पर है जिन्होंने अन्नदाता किसानों को लूट कर करोड़ों की काली कमाई जमा की है ।
जब तक सच की नींद खुलती है झूठ दुनिया की सैर कर आता है..??
सोनौरा समिति प्रबंधक प्रहलाद पांडेय निलंबित
सतना – जब तक सच की नींद खुलती है झूठ दुनिया की सैर कर आता है और झूठ को लगता है कि वही दुनिया का सिकंदर है लेकिन बेचारा सच तानो के बीच अपना काम करता रहता है । ऐसा ही मामला सोनौरा सहकारी समिति सोनौरा का है जहां सहायक प्रबंधक प्रहलाद पांडेय निलंबित किए गए हैं । यह मामला यह भी दर्शाता है कि सतना जिले के एक भ्रष्टाचारी को निपटाने में कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं । आवश्यकता इस बात की किसानों के पसीने का पैसा लूटने वाले इन भ्रष्टाचार दरिंदों से लड़ने के लिए मुकेश सिंह, नंदकिशोर कुशवाहा, दीपक सिंह और शिवकुमार रजक जैसी दृढ़ इच्छा शक्ति हो , व्यवस्था इतनी भ्रष्ट हो चुकी है कि लुटेरे कानून से भी नहीं डरते । लेकिन लोकतंत्र व समाज को माननीय न्यायालय पर पूरा भरोसा है । इस प्रकरण में भी न्यायालय का चाबुक भ्रष्ट पांडेय को सलाखों के पीछे पहुंचाएगा अन्नदाता किसान को पूरा भरोसा है । बताया जाता है कि सोनौरा सहकारी समिति के काले कारनामों को लेकर किसान हितैषी मुकेश सिंह मित्र मंडली ने हर चौखट पर दस्तक दी । कार्रवाई न होते देख यह युवा टोली हाईकोर्ट पहुंची और उसके आदेश के बाद लाखों का गबन पाया गया । आशीष रैकवार व महेंद्र तिवारी जैसे भ्रष्टो को सहकारिता की खास बन चुके डी.आर कब तक बचा पाएंगे यह देखना दिलचस्प होगा । महेंद्र तिवारी की जांच डी.आर द्वारा की जा रही है जिसमें कमिश्नर अनिल सुचारू को भ्रष्टों द्वारा जेब में रखने की बात की जा रही है ।
डी आर पाटनकर एक असभ्य ओर अहंकारी है सूत्रों की माने तो अपने कर्मचारियों भी अभद्रता पूर्ण बात करना और नियम के खिलाफ करना उनका ब्यक्तित्त्व जहा भी रहे बिबाद को जन्म देते रहे सेवा सहकारी समिति भर जूना में अवैध नियुक्ति का मेगा शो
सतना। सेवा सहकारी समिति मर्यादित अर्जुना में एक ऐसी महिला को विक्रेता पद पर नियुक्त किया गया है जो पूरी तरह से अवैधानिक है सूत्र बताते हैं कि सेवा सहकारी समिति मर्यादित भर जूना में प्रीति पांडे पुत्री बाबूलाल पांडे ग्राम सगमा की नियुक्ति विक्रेता पद पर की गई है जबकि भरजूना समिति के अंदर उक्त नाम की कोई महिला रहती ही नहीं ऊंचे स्तर पर सांठगांठ सूत्रों की माने तो इस महिला की नियुक्ति ऊपरी स्तर पर साठगांठ करके की गई है आरोप ये भी हैं की अवैध नियुक्ति के पीछे राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त है इतना ही नहीं बल्कि आरोप है की लेनदेन करके दस्तावेजों से छेड़छाड़ करके यह नियुक्ति प्राप्त की गई है ।
क्या कहता है प्रावधान
जानकारों की माने तो शासन द्वारा जिस समिति में नियुक्ति विक्रेता पद पर की जानी है उस समिति में क्षेत्र का निवासी होना अनिवार्य है इस संबंध में कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं मध्य प्रदेश का साख संविदा विक्रेता की विधि के संबंध में बिंदु क्रमांक 14 में स्पष्ट उल्लेख किया गया है ।
रजिस्ट्रार को लिखा पत्र
इस संबंध में स्थानीय लोगों को जब यह पता चला यह नियुक्ति सर जी और अवैध है तो लोगों ने उप रजिस्ट्रार सरकारी समितियां सतना एक पत्र लिखा इस पत्र में यह मांग की गई कि इस अवैध नियुक्ति के संबंध में जांच पड़ताल की जाए और दोषियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए ।
उठ रहे सवाल
सवाल यह उठता है कि जिले में यह तो एक ऐसा मामला है जो प्रकाश में आया है अब यदि सभी समितियों की निष्पक्ष रुप से गान जांच पड़ताल की जाए तो हो सकता है की कुछ और मामलों के खुलासे हो सकता है ।

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