क्या लाल बहादुर शास्त्री के सूत्र सांसद के लिए मायने रखते हैं…..????
विभीषण की भूमिका में मंत्री जी….????
सतना- सतना सांसद गणेश सिंह ने अपनी फेसबुक आईडी से पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का एक सूत्र जनता से साझा किया है सूत्र है कि “देश की तरक्की के लिए हमें आपस में लड़ने के बजाय गरीबी, बीमारी, अशिक्षा और अज्ञानता से लड़ना होगा” अब सवाल यह उठता है इस सूत्र के माध्यम से जनमानस को प्रेरित करने का प्रयास करने वाले सांसद खुद इस सूत्र का पालन करते हैं ,उत्तर आईने की तरह साफ है कि वे इस सूत्र के विपरीत जीने के आदी है । यह सूत्र कहता है कि आपस में लड़ना नहीं चाहिए फिर सांसद जी अपने ही विधायक नारायण त्रिपाठी से सड़क छाप लड़ाई क्यों छेड़े हुए हैं । वही मंत्री को अपनी सुविधा अनुसार दौरे के लिये क्यों बाध्य करतें हैं । क्या यह अज्ञानता नहीं है ।तब इस सूत्र के अनुसार क्या उन्हें अपनी राजनैतिक अज्ञानता के खिलाफ नहीं लड़ना चाहिए । उन्हें चिंतन करना चाहिए कि कही जातीपाती की राजनीति ने हीं तो उन्हें सिर्फ सांसद तक सीमित तो नहीं कर दिया है । क्या भाजपा हाईकमान और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यह जान चुका है कि वे विन्ध्य पार्टी को कांग्रेसी संस्कृति की ओर ले जा रहे हैं वरना क्या कारण है कि पार्टी के अधिकांश आयोजन में पटेलों का ही वर्चस्व रहता है, फिर रीवा जिले के विधायक प्रदीप पटेल भी क्षेत्र की जनता को छोड़कर सांसद और मंत्री के पीछे- पीछे क्यों घूमते रहते हैं ,क्या सतना व विन्ध्य में भाजपा के और विधायक व नेता नहीं हैं।
दूसरी ओर शपथ लेने के साथ ही मनोरंजन का साधन बन चुके मंत्री रामखेलावन पटेल और विभीषण की भूमिका में ए .सी. एस मनोज श्रीवास्तव और उनकी फोन पर हुई चर्चा राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां बनी है। यह छोटी घटना नहीं है फिर उसमें मंत्री का अदने कर्मचारियों पंचायत सचिवों के स्थानांतरण पर सांसद विधायकों के बीच विवाद की बात करना यह प्रमाणित करता है कि भाजपा सामूहिक नेतृत्व वाली बात से भटक रही है । पार्टी की अंदरूनी बातों को एक अधिकारी को बताना क्या उचित है । ऐसे तो शायद कभी शायद विभीषण भी नहीं करता था वह भी सीधे प्रभु श्रीराम से चर्चा किया करता था जाहिर है मंत्री को अगर अपने विधायकों व सांसदों की बात करनी है तो मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष है ,फिर पार्टी की कोर कमेटी है ।
सूत्र बताते हैं मंत्री का एक और ऑडियो वायरल हो सकता है जिसमें क्षेत्र के नेताओं व कार्यकर्ताओं से कह रहे हैं कि दौरे बंद करने पड़ेंगे सांसद जी कहीं- कहीं ना जाने का दबाव डालते हैं । यहां तक ठीक हैं मंत्री जी कहते हैं कि कोटर कार्यक्रम में न जाने का फरमान सांसद ने तो सुनाया ही पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल के खास प्रदेश कांग्रेस के सचिव अजीत सिंह पटेल ने भी मना किया । इन बातों से समझा जा सकता है कि यहां पटेल भाजपा और पटेल कांग्रेस मिलकर सरकार चला रही है । मंत्री जी को यह पता होना चाहिए कि वैभव व प्रभुता मिलना आसान है किंतु उसे पचा पाना जरा मुश्किल है मंत्री जी आपसे बात करते समय भी भाई लोग मोबाइल ऑन कर जेब में रखते हैं ,यह सोशल मीडिया का जमाना है सतर्क रहें वरना कभी भी बंगारू लक्ष्मण और कारूलाल सोनी बनते देर नहीं लगेगी…
रिपोर्ट;-शिवभानु सिंह बघेल