आर ए एस अधिकारी सहित तीन पर मुकदमा दर्ज।

कोटा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने नगर विकास न्यास के एक निरस्त भूखंड की बहाली के लिए नियमों के विपरीत प्रक्रिया अपनाने तथा फर्जी दस्तावेज तैयार करने समेत अन्य आरोपों में आर ए एस अधिकारी तथा न्यास की तत्कालीन उप सचिव कृष्णा शुक्ला समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है एसीबी कोटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्र शील ने बताया कि आरोग्य नगर में भूखंड संख्या 137 का 1996 में पुष्पेंद्र कुमार नागर के नाम से आवंटित हुआ था भूखंड की राशि ₹228217. 50 पैसे की राशि जमा करवानी थी लेकिन आवंटित राशि जमा नहीं करवाई इस कारण भूखंड का आवंटन निरस्त हो गया था न्यास ने जब इस भूखंड की नीलामी प्रक्रिया शुरू की तो आवंटी ने मानसिक स्थिति खराब होने के कारण समय पर पैसा नहीं जमा कराने का कारण बताते हुए भूखंड बहाली के लिए आवेदन किया क्योंकि भूखंड को निरस्त करने की समय अधिक हो गई था इस कारण न्यास ने नगरीय विकास विभाग जयपुर को पत्र लिखा गया।
यह रहा था मामला
एएसपी ने बताया कि यूडीएच को पत्र लिखवाने के लिए आवंटी ने संबंधित तत्कालीन उप सचिव दीप्ति मीणा के पास फाइल नहीं ले जाकर दूसरे उपसचिव कृष्णा शुक्ला से मिलीभगत करके पत्र लिखवाया दिया इस संबंध में एसीबी की जांच में पाया कि नगरीय विकास विभाग वित्तीय के संयुक्त शासन सचिव अर्जुन चौधरी की ओर से हस्ताक्षरित पत्र फर्जी रूप से तैयार किया गया था इसके बाद नोटशीट चलाई गई।
इनके खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज।
निरस्त भूखंड के आवंटन का कार्य अपने क्षेत्राधिकार में नहीं होने पर भी पत्रावली रिपोर्ट का प्रक्रिया अनुसार प्रत्येक रजिस्टर में इंद्राज करते हुए पत्रावली की नोटशीट पत्रों आदि पर हस्ताक्षर कर डिस्पैच करवा कर रवाना करना तथा फर्जी दस्तावेज तैयार करने तथा उनको न्यास की कार्यप्रणाली में शामिल कर लाभार्थी पुष्पेंद्र कुमार नागर को फायदा पहुंचाने की नीयत से तत्कालीन उप सचिव कृष्णा शुक्ला, लिपिक ग्रेड प्रथम चंद्रप्रकाश चतुर्वेदी तथा लाभार्थी पुष्पेंद्र कुमार नागर की मिलीभगत रही है इस पर तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संशोधन एक्ट 2018 की धारा 420, 467, 468 आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है शुक्ला वर्तमान में कोटा में महिला एवं बाल विकास विभाग में उप निदेशक के पद पर कार्यरत हैं जबकि लिपिक चतुर्वेदी सेवानिवृत्त हो गया है।
रिपोर्ट;-शिव कुमार शर्मा

