राजस्थान का युवा क्रिकेटर रीशान्त सिंह नरवत बना फ़्रान्स का ब्रांड एम्बेसेडर
राजस्थान के युवा क्रिकेटर रीशान्त सिंह नरवत को यूरोप विशेष कर फ़्राँस में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए ब्रांड ऐम्बैसडर नियुक्त किया गया है।
जयपुर निवासी उभरते प्रतिभाशाली क्रिकेटर रीशान्त सिंह नरवत की नियुक्ति वैल्यंट स्पोर्ट्स ब्रांड फ़्राँस ने की है।
रीशान्त सिंह इन दिनों फ़्रान्स की ईडीसी यूनिवर्सिटी पेरिस से स्पोर्ट्स मेनेजमेंट में एम बी ए की पढ़ाई कर रहे है। उन्होंने कोटा यूनिवर्सिटी राजस्थान से इंजिनियरिंग की है।
रीशान्त सिंह को मिले सम्मान राजस्थान व भारत का यूरोप में गौरव बढ़ा है।
रीशान्त सिंह क्रिकेट का एक उभरता हुआ खिलाड़ी है।एक बेहतरीन आल राउंडर के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कोल्विन शील्ड टूर्नामेंट में राजस्थान की टोंक व अजमेर की टीमों की तरफ़ से खेलते हुए
शानदार प्रदर्शन किया और अपनी अहम पहचान बनायी।
रीशान्त ने 2014 में नेपाल में हुए अंतरराष्ट्रीय वैल्यंट कप में भाग लिया जिसने राजस्थान की टीम को विजयी बनाया व टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का ख़िताब जीता।
उन्होंने अंतर विश्वविध्यालय खेलो में राजस्थान टेक्निकल विश्वविध्यालय की तरफ़ से खेलकर शानदार प्रदर्शन किया। साथ ही अंडर 14 नैशनल खेलो में राजस्थान की तरफ़ से भाग लिया।
बचपन से ही सपनो को साकार करने के लिए मन के पंखो को आकार देने के लिए रीशंत ने दिन रात मेहनत की। वर्तमान में देश का गौरव बढ़ा रहे रीशान्त सिंह का बचपन पढ़ाई लिखाई राजस्थान की ऐतिहासिक नगरी पिंक सिटी जयपुर में हुई है ।
उन्होंने अपनी माता और पिता ओंकार सिंह नरवत को आदर्श मानकर समाज सेवा और खेलो में राजस्थान ही नहीं पूरे देश का नाम रोशन करने की ठानी। जीवन में अनुशासन, ईमानदारी और मेहनत की सीख ली है।
समृद्ध परिवार में जन्म लेने के बावजूद भी रीशान्त स्वयं की पहचान बनाने के लिए सदेव तत्पर रहकर दृढ़संकल्प से पढ़ाई के साथ साथ खेल जगत में अपनी पहचान बनाई।
उन्हें बचपन से ही क्रिकेट का बेहद शौक़ रहा है। सेंट ज़ेवीअर स्कूल जयपुर में पढ़ते समय ही कई बड़े बड़े टूर्नामेंट खेले और अपनी टीम को जीत दिलाई खेलो के साथ पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रहे। स्कूल में पढ़ते समय सेंट ज़ेवीअर की तरफ़ से खेलते हुए इगलेंड से आयी टीम के ख़िलाफ़ बहुत ही शानदार खेल दिखाया।
खेलो के साथ रीशान्त ने पर्यावरण प्रेमी के रूप में भी पहचान बनाई। इन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर अबतक जयपुर में 5000 पेड़ लगाए है।
“मान लो तो हार है,ठान लो तो जीत है” । उन्होंने इस मन्त्र को आत्मसात्त किया ।फिर क्या था …रास्ता सामने था और रीशान्त ने मार्ग पर चलना शुरू किया तो मंज़िल हासिल किए बिना रुके नहीं। कुछ भी कार्य करने के लिए लगन, मेंहनत और त्याग एवं समर्पण ज़रूरी है।रीशान्त उसी समर्पण भाव से नियमित दिनचर्या, अभ्यास व संयमित जीवन को आधार बनाकर आगे बढ़ते गए। क्रिकेट में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई व दिखाया कि प्रतिभा अपना रास्ता अपने आप तय कर लेती है।
राजस्थानटेक्निकल
रीशान्त सिंह नर्वत की खेलो के प्रति रुचि व क्रिकेट में शानदार खेल को देखते हुए फ़्रान्स में वैल्यंट स्पोर्ट्स ब्रांड ने क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए यह सम्मान दिया है ।वे कहते है कि “अभी तो सफ़र शुरू हुआ है, बहुत दूर तक जाना है। राहें कितनी भी मुश्किल हो पैरो की ज़िद्द है, मंज़िल को पाना है।”