टिकटोक सहित 59 चीनी ऐप्प का एक आदेश से भारत भूमि पर प्रतिबंधित हो जाना भारत के प्रस्तावित ‘आत्मनिर्भर’ अभियान के लिये एक उत्तम शुरूआत है!जिस रोष की आशंका और जिस उल्लास की आशा भारतीय जनमानस से इसकी प्रतिक्रियास्वरूप संभावित थी , वो अब प्रतिदिन एक नयी अभिव्यक्ति पा रही है ! ये कुछ दिन तो सचमुच आनन्द के दिन है ! चंद युवा विशेषकर टीनऐजर्स लडकियो का आयुशोभित रूदन हो या चीनपरस्त स्थायी भारतीय लॉबी का विधवा प्रलाप,सब इस महाप्रयोग का संभावित और स्वाभाविक परिणाम है! प्रतिबन्ध प्रकरण भारतीय सर्वोच्च न्यायपालिका का द्वार खटखटायेगा ,ये तय सी बात है ! और वही लॉबी उसका अपने आकाओ की सरपरस्ती और पैनी निगरानी मे पूर्ण मनोयोग से पैरवी करेगी,इसमे किसी को कोई सन्देह नही होना चाहिये!न्याय किस करवट बैठेगा ,कोई नही जानता! संभावित निर्णय की भविष्यवाणी मर्यादा का अनुमत विषय नही है ,इसलिये मै इससे स्वयं ही बाज हूँ! ये ऐप्प भारतीय जनता का मनोरंजन कर रहे थे,इस बात से शायद ही किसी को कोई असहमति होगी!परन्तु राष्ट्रीय हित और सुरक्षा के लिहाज से केंद्रीय सरकार के इस प्रतिबंध निर्णय के साथ सभी को खड़े होना होगा! चीन और पाकिस्तान वैश्विक मानवता के स्थायी शत्रु है जो पूरे विश्व मे क्रमशः क्रूरशोषक उपनिवेशवाद और शैतानी आतंकवाद के प्रतीक है! इनमे से चीन आतंक का वित्तपोषक और योजनाकार है और पडौसी पाक सस्ता मानव संसाधन उपलब्ध कराने वाली युती! इन ऐप्पस पर प्रतिबन्ध से इनकी आर्थिक कमर जरूर टूटेगी,ऐसी आशा हर भारतीय को होनी चाहिये!इसके अतिरिक्त इसका एक सबल पक्ष और भी है जी ! वह यह है कि इन ऐप्प्स के भारत मे प्रतिबन्ध से हुये अभावाभाव और रिक्त की पूर्ति स्थानीय ऐप्स की खोज का मार्ग प्रशस्त करेगी ! स्थानीय ऐप्स को पूरे भारत का विशाल और खुला बाज़ार मिलेगा जहाँ वह सहजता से उत्तरजीवी होगा ! भारत की प्रतिभा और मुद्रा का उपयोग भारत मे और भारत के लिये ही होगा ! आवश्यकता आविष्कार की जननी है ! इसलिये भारतभूमि अतिशीघ्र नये ऐप्स के आविष्कार की वर्षा से आप्यायित होगी ! ऐसी स्वप्निल कल्पना मेरा देशप्रेमजनित अतिउत्साह नही है बल्कि मेरे अध्ययन और अनुभव का सारांश है!यह भारत की भूमि है भाई,जहाँ देवता भी अवतार के लिये तरसते है तो भला निर्जीव डिजिटल ऐप्स क्या चीज है जी ! जय हो !
आपका
तारा चंद खेतावत
जय हिन्द! जय भारत