रिपोर्ट- शशांक सिंह ठाकुर
फर्राटे मार कर दौड़ेगा इलेक्ट्रिक रेल इंजन 235 किलोमीटर का रेल इलेक्ट्रिफिकेशन हुआ पूरा
अब जबलपुर, भोपाल,कटनी,रीवा, सतना और कोटा रेल्वे स्टेशनो के बीच 235 किलोमीटर का रेल इलेक्ट्रिफ़िकेशन का काम पूरा कर लिया गया है जिससे अब डीजल एंजिन की जगह इलेक्ट्रिक एंजिन से ट्रेने दौडेंगी।
कम खर्चे में दौड़े बढ़ेगी गति
अब पश्चिम मध्य रेल जोन रेल्वे ट्रैक का विध्युतिकरण करने वाला सबसे बडा जोन बन गया है।
इलेक्ट्रिक एंजिन से ट्रेनो के संचालन की वजह से न केवल ट्रेनो की गति बढ जायेगी बल्कि रेल्वे को करोडो रुपये की बचत भी होगी। पश्चिम मध्य रेल जोन के अंतर्गत आने वाले कटनी सतना रेल्वे स्टेशन के बीच इलेक्ट्रिफ़िकेशन का काम पूरा कर लिया गया है। 235 किलोमीटर का इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो जाने से अब जबलपुर से इलाहाबाद तक इलेक्ट्रिक एंजिन से ट्रेनो का सम्चालन किया जा रहा है। इसी तरह रीवा से तुर्की रोड और पचोर रोड स्टेशन से मक्सी रेल्वे स्टेशन के बीच इलेक्ट्रिफ़िकेशन का काम पूरा कर लिया गया है।
रेलवे सुरक्षा सुरक्षा आयुक्त ने किया निरीक्षण
रेल्वे ट्रैक के इलेक्ट्रिफ़िकेशन का काम पूरा होने के बाद रेल्वे के संरक्षा सुरक्षा आयुक्त ने इन सभी रेल्वे ट्रैक का निरीक्शण किया और इस पर ट्रेने चलाने की अनुमति दी है। इसके बाद अब इन रेल्वे ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजिन के माध्यम से ट्रेनो का संचालन किया जा रहा है।
लॉकडाउन में भी नहीं रुका काम
खास बात यह है कि पश्चिम मध्य रेल जोन के द्वारा इस काम को लाक डाऊन के दौरान भी नही रोका गया था और रिकार्ड समय मे विध्युतिकरण के काम को पूरा किया गया है। पश्चिम मध्य रेल जोन के महाप्रबंधक शैलेंद्र सिंह ने बताया कि इन बाकी बचे हुये रेल मार्गो के विध्युतिकरण हो जाने से डीजल का उपयोग कम होगा जिससे लगभग सवा करोड रुपये की बचत होगी और पर्यावरण प्रदूषित नही होगा। इसके साथ ही ट्रेनो की गति भी बढ जायेगी जिससे यात्रा मे लगने वाले समय मे कमी आयेगी। अब पश्चिम मध्य रेल जोन रेल्वे ट्रैक का विध्युतिकरण करने वाला सबसे बडा जोन बन गया है।