पुलिस का एक यह भी रूप

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इस समय पूरे देश में कोरोना वायरस जैसी महामारी फैली हुई है | जिसके चलते पुलिस व प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि आम लोग इधर उधर ना घूमे व घरों में ही रहे | वही जो लोग लॉक डाउन की पालन नहीं करते उनके खिलाफ पुलिस सख्ती से पेश आ रही हैं और उनको दंड भी दे रहे हैं | वहीं दूसरी ओर आज पारोली थाना पुलिस का एक दूसरा रूप देखने को मिला जब थाना प्रभारी सुशीला काठात थाना क्षेत्र गस्त कर रही थी इसी दौरान छापड़ेल गांव के पास 15 लोग सड़क पर पैदल जाते दिखाई दिए तो थाना प्रभारी सुशीला ने अपनी जीप रोककर उनको वहां घूमने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि वह चित्तौड़ क्षेत्र में मजदूरी करते हैं और काम बंद होने से वह वापस आगरा जाना है | इसलिए यहां से पैदल ही जा रहे हैं यह सुनकर थाना प्रभारी सुशीला का दिल पसीज गया और उनके मन में मदद की भावना जागी तो पुलिस ने सभी मजदूरों को पुलिस थाने लेकर आए और वहां चिकित्सा की टीम द्वारा उनकी जांच कराई गई | जिसमें सभी स्वास्थ्य पाए गए | इसके बाद थाना प्रभारी सुशीला ने सभी लोगों को भोजन करवाया व 1 दिन का भोजन के साथ पैक किया | साथ ही उन लोगों को आगरा पहुंचने के बारे में विचार विमर्श करने लगी | इस दौरान मजदूरों ने कहा कि वह उनको टोंक तक अगर पहुंचा दे तो बड़ी मेहरबानी होगी | इस पर थाना प्रभारी ने अपने निजी खर्च से निजी वाहन के जरिए उनको टोंक तक भेजने के लिए वहां से रवाना कर दिया | इससे पहले हम पिछले 7-8 दिनों से देख रहे हैं कि पुलिस जो लोग लॉक डाउन को तोड़ते हैं उनके खिलाफ सख्ती से पेश आ रही, तो दूसरी ओर पारोली थाना प्रभारी सुशीला ने यह एक मदद का कार्य कर कर एक मिसाल पेश की पुलिस के मन में भी मदद की भावना होती हैं ||

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