कैलाष माली, भारत टाईम्स संवाददाता जैसलमेर
कृषि विज्ञान केन्द्र, पोकरण पर दिनांक 25-26 नवम्बर को राष्ट्रीय खाध्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत तिलहन उत्पादन विषय पर सहायक निदेशक, कृषि (विस्तार), जैसलमेर एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, पोकरण के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमे 30 किसानों ने भाग लिया। केंद्र के प्रमुख डॉ सी. पी. मीणा ने तिलहन फसलों की उपयोगिता एवं जैसलमेर जिले के लिये बागवानी खेती की व्यापकता के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की।
केन्द्र की गृह वैज्ञानिक डॉ चारु शर्मा ने तिलहन की खेती मे उपयोगी उन्नत कृषि यंत्रों की जानकारी दी। पशुपालन वैज्ञानिक डॉ राम निवास ने बकरी एवं भेड़ पालन की उन्नत एवं नई तकनीकी विषय पर व्याख्यान दिया। शस्य वैज्ञानिक डॉ कृष्ण गोपाल व्यास ने रबी मे बोयी जाने वाली तिलहनी फसलों की विभिन्न उन्नत तकनीकों व उनमे कीट और व्याधि प्रबंधन के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉ सुनील कुमार शर्मा ने तिलहनी फसलों में मूल्य संवर्धन के महत्त्व पर प्रकाश डाला। मृदा वैज्ञानिक डॉ. बबलू शर्मा ने तिलहनी फसलों मे मृदा जाँच पर आधारित समन्वित पौषक तत्व प्रबंधन पर बल दिया। कृषि विभाग से कृषि पर्यवेक्षक जितेन्द्र नागा ने विभागीय गतिविधियों एवं कृषि योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। कार्यक्रम की व्यवस्था में कृषि पर्यवेक्षक महिपाल, राकेश मीणा एवं रामकिशन ने अहम योगदान दिया। कार्यक्रम के अंत मे प्रश्नोतरी आयोजित किया गया। जिसमे प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले कृषकों को पुरष्कृत किया गया।