नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई में मीडिया की भागीदारी आवश्यक: आई. आर. एस. घनश्याम सोनी।
गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा
2 मई 2025, जोधपुर ।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) राजस्थान ने मीडिया के माध्यम से अपील की है कि मादक द्रव्यों के सेवन से मुक्त समाज बनाने के मिशन में सक्रिय रूप से योगदान दें। इसके तहत, एनसीबी ने अखबारों, टेलीविजन, रेडियो और डिजिटल चैनलों जैसे सभी मीडिया प्लेटफार्मों पर MANAS हेल्पलाइन – 1933 के प्रकाशन और प्रसारण का अनुरोध किया है।

MANAS हेल्पलाइन 1933 की विशेषताएं:
– यह हेल्पलाइन मादक द्रव्यों के सेवन से प्रभावित व्यक्तियों को सहायता, मार्गदर्शन और परामर्श प्रदान करती है।
– यह हेल्पलाइन मादक द्रव्यों की लत के खिलाफ सामूहिक लड़ाई में समर्थन देती है।
– नागरिक 24×7 नशीली दवाओं से संबंधित मामलों की रिपोर्ट कर सकते हैं।
– पहचान और दी गई सभी जानकारी गोपनीय रखी जाएगी।
नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई में मीडिया की भूमिका:
– मीडिया जनता को जागरूक करने और शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
– MANAS हेल्पलाइन के प्रसारण और प्रकाशन से अधिकतम पहुंच सुनिश्चित की जा सकती है।
– इससे मादक द्रव्यों के सेवन को रोकने, सार्वजनिक जागरूकता को बढ़ावा देने और अनगिनत जिंदगियों को बचाने के प्रयासों को मजबूत किया जा सकता है।
नशीली दवाओं के दुरुपयोग के प्रभाव:
– नशीली दवाओं का दुरुपयोग समाज और देश के लिए चिंता का विषय है।
– यह व्यक्तियों और परिवारों के लिए विनाशकारी हो सकता है।
– इससे निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
एनसीबी का उद्देश्य मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध बिक्री और पुनर्वास जैसे मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक उपयोगकर्ता अनुकूल मंच बनाना है। आइए, हम सभी मिलकर एक स्वस्थ और नशीली दवाओं से मुक्त समाज का निर्माण करें l





