अवैध खनन की रोकथाम के लिए हुई बैठक में कई कलेक्टरों को पड़ी डांट : कई कलेक्टर और SP के जवाब से नाराज हुए CM भजनलाल शर्मा…

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अवैध खनन की रोकथाम के लिए हुई बैठक में कई कलेक्टरों को पड़ी डांट : कई कलेक्टर और SP के जवाब से नाराज हुए CM भजनलाल शर्मा…

राज्य सरकार ने अवैध खनन पर कसी नकेल, मुख्यालय स्तर पर संयुक्त टास्क फोर्स गठित

गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा

3 अप्रैल 2025, जयपुर।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार की सख्त नीति की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अब आकस्मिक संयुक्त अभियान चलाए जाएंगे ताकि खनन माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई हो सके। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ करें और राज्यहित को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
मुख्यमंत्री बुधवार को अपने निवास पर अवैध खनन पर नियंत्रण के लिए की गई कार्रवाई की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में खनिज संसाधनों की अपार संभावनाएं हैं, जिससे लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है। राज्य के राजस्व में खनन क्षेत्र की अहम भूमिका को देखते हुए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि खनिज संपदा का उचित दोहन हो और राजस्व में वृद्धि हो।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अवैध खनन रोकने के लिए पुलिस, जिला प्रशासन, वन विभाग, परिवहन विभाग और खनन विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। उन्होंने जिला कलेक्टरों को खनन माफियाओं पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए और कहा कि कानून का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने से ही अवैध खनन करने वालों में भय पैदा होगा। मुख्यमंत्री ने खनन विभाग को जिला स्तरीय एसआईटी की नियमित मॉनिटरिंग करने और प्रतिदिन की बैठक की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि अवैध खनन पर निगरानी के लिए ड्रोन और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाए। ड्रोन के माध्यम से फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सकता है। इसके अलावा, अवैध खनन की रोकथाम के लिए मुख्यालय स्तर पर संयुक्त टास्क फोर्स गठित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने लंबित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण पर जोर देते हुए कहा कि इससे अवैध खनन पर लगाम लगाने की प्रक्रिया को गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एम-सेंड नीति के तहत बजरी के विकल्प के रूप में एम-सेंड को प्रोत्साहन दिया जाए। प्रदेश में एम-सेंड इकाइयों की स्थापना और इसके उपयोग को बढ़ावा देने से बजरी के दोहन में कमी आएगी। साथ ही, खान विभाग में रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती करने का आश्वासन भी दिया गया।
मुख्यमंत्री ने टोंक, नागौर, भीलवाड़ा, सवाई माधोपुर, डीग, कोटपूतली, राजसमंद और चित्तौड़गढ़ के जिला कलेक्टरों से अवैध खनन पर चल रही कार्रवाई की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता वैध खनन को बढ़ावा देना और अवैध खनन पर अंकुश लगाना है ताकि राजस्व में वृद्धि के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ सकें। प्रमुख शासन सचिव खान एवं पेट्रोलियम टी. रविकांत ने अवैध खनन के संभावित खनिज क्षेत्रों, संवेदनशील जिलों और अवैध खनन के विरुद्ध की गई कार्रवाइयाें की जानकारी दी।
बैठक में पुलिस महानिदेशक यू. आर. साहू, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन एवं पर्यावरण) अपर्णा अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री) शिखर अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) आनंद कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव (सार्वजनिक निर्माण) प्रवीण गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव (राजस्व) दिनेश, प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरिजीत बनर्जी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और जिला स्तरीय अधिकारी बैठक में शामिल हुए।

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