12 घंटे तक चला घमासान, आखिरकार रात 2 बजे एक लंबी बहस के बाद वक्फ बिल हुआ पास..
गौरव रक्षक/ न्यूज नेटवर्क।
3अप्रैल2025, दिल्ली।
वक्फ बिल को लेकर लोकसभा में दोपहर करीब 12 बजे बहस शुरू हुई l आठ घंटे का निर्धारित समय बीत गया और उसके बाद भी बहस जारी रही l दिन ढलने के साथ यह बहस तीखी और उग्र होती गई l रात करीब 2 बजे यह बिल पारित हो सका l वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित वक्फ बिल पास हो गया. इस विधेयक को लेकर आठ घंटे की चर्चा का वक्त तय किया गया था. हालांकि वक्त बढ़ता रहा और चर्चा चलती रही. इस चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई बार तीखी बहस देखने को मिली तो विधेयक से नाराज एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सदन में बिल की प्रति ही फाड़ दी l
सदन के हंगामेदार होने का था पहले से अनुमान
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर लोकसभा की कार्यवाही हंगामेदार रहने के पूरे आसार थे. माना जा रहा था कि विपक्ष सदन को नहीं देगा. बुधवार को दोपहर 12 बजे अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन बिल को पेश किया. दिन भर आरोप-प्रत्यारोप और बहस के बीच सदन की कार्यवाही चलती रही, लेकिन शाम ढलते-ढलते बहस तीखी और उग्र हो गई. वहीं रात होते-होते बहस में वो हुआ, जो भारतीय राजनीति में कम ही देखने को मिलता है.
और ओवैसी ने सदन में फाड़ दिया विधेयक
चर्चा के दौरान एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने वक्फ संशोधन बिल को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. साथ ही कहा कि ये बिल मुस्लिमों के साथ अन्याय है. यह जंग का ऐलान है, हमारे मदरसों और मस्जिदों को निशाना बनाया जा रहा है. सरकार झूठ बोल रही है कि इससे गरीब मुसलमानों को भला होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं बिल का विरोध करता हूं. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि गांधी जी के सामने जब एक ऐसा कानून लाया गया जो उनको कबूल नहीं था तो उन्होंने कहा मैं उसे कानून को मानता नहीं हूं, उसको फाड़ता हूं. मैं भी गांधी जी की तरह इस कानून को फाड़ता हूं. इसके बाद दो पन्नों के बीच लगे स्टेपर को उन्होंने अलग कर दिया और इस तरह से सांकेतिक रूप से बिल को फाड़ दिया l
संविधान की मूल भावना पर हमला: गौरव गोगोई
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि यह संविधान की मूल भावना पर आक्रमण करने वाला बिल है. उन्होंने कहा, “आज एक विशेष समाज की जमीन पर सरकार की नजर है, कल समाज के दूसरे अल्पसंख्यकों की जमीन पर इनकी नजर जाएगी. संशोधन की जरूरत है. मैं यह नहीं कहता कि संशोधन नहीं होना चाहिए. संशोधन ऐसा होना चाहिए कि बिल ताकतवर बने. इनके संशोधनों से समस्याएं और विवाद बढ़ेंगे. ये चाहते हैं कि देश के कोने-कोने में केस चले. ये देश में भाईचारे का वातावरण तोड़ना चाहते हैं. बोर्ड राज्य सरकार की अनुमति से कुछ नियम बना सकते हैं. ये पूरी तरह से उसे हटाना चाहते हैं. राज्य सरकार की पावर खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. नियम बनाने की ताकत राज्य सरकार को है. राज्य सरकार सर्वे कमिश्नर के पक्ष में नियम बना सकती है. आप सब हटाना चाहते हैं और कह रहे हैं कि ये संशोधन हैं.”
अगर यह असंवैधानिक था तो…: विपक्ष पर गरजे रिजिजू
वक्फ बिल पर लंबी चर्चा के बाद अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब देते सभी सांसदों को विधेयक के बारे में अपने विचार रखने के लिए धन्यवाद दिया. साथ ही कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि बिल असंवैधानिक है और मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वे कैसे कह सकते हैं कि बिल असंवैधानिक है. अगर यह असंवैधानिक था, तो अदालत ने इसे रद्द क्यों नहीं किया? उन्होंने ओवैसी के सवालों पर भी पलटवार किया है. रिजिजू ने कहा कि असंवैधानिक जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. बिल संविधान के खिलाफ नहीं है, जैसा कि विपक्ष ने दावा किया है. हमें ‘संवैधानिक’ और ‘असंवैधानिक’ शब्दों का इस्तेमाल इतने हल्के ढंग से नहीं करना चाहिए.
लॉबी क्लियर करने को लेकर हुआ विवाद
रात करीब 12 बजे इस विधेयक को लेकर वोटिंग शुरू हुई. किरेन रिजिजू ने प्रस्ताव रखा तो विपक्ष के कुछ सदस्यों ने मत विभाजन की मांग की. इसके पक्ष में 288 और विरोध में 232 मत पड़े. हालांकि, लॉबी क्लीयर करने के बाद कई सदस्यों को सदन में दाखिल होने देने को लेकर विवाद भी हुआ. विपक्षी सदस्यों की आपत्तियों का जवाब देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्पष्ट किया कि नए संसद भवन में शौचालय की व्यवस्था लॉबी में ही की गई है और सिर्फ लॉबी से ही सदस्यों को अंदर आने दिया गया है. किसी को भी बाहर से आने की अनुमति नहीं दी गई है.
वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों के प्रावधान को लेकर रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य एन.के. प्रेमचंद्रन द्वारा प्रस्तुत एक संशोधन पर भी मत विभाजन हुआ. उनका संशोधन 231 के मुकाबले 288 मतों से अस्वीकृत हो गया. विपक्ष के अन्य सभी संशोधनों को सदन ने ध्वनिमत से खारिज कर दिया.
वहीं, सरकार की ओर से पेश तीन संशोधनों को सदन की स्वीकृति मिली और विधेयक में खंड 4ए तथा 15ए जोड़े गए. जिस समय विधेयक पर मतदान हो रहा था, सदन के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लोकसभा में मौजूद नहीं थे.
भारत का कानून, सभी को स्वीकारना होगा: शाह
इससे पहले, विधेयक पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह भारत सरकार का कानून है और इसे सभी को स्वीकार करना होगा. उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह समाज में भ्रम फैला रहे हैं और मुसलमानों को डराकर उनका वोट बैंक बनाने की कोशिश कर रहे हैं l
वहीं किरेन रिजिजू ने विधेयक पेश करने के दौरान कहा कि वक्फ के पास तीसरा सबसे बड़ा लैंड बैंक है. रेलवे, सेना की जमीनें हैं. यह सब देश की प्रॉपर्टी है. वक्फ की संपत्ति, प्राइवेट प्रॉपर्टी है. दुनिया में सबसे ज्यादा वक्फ प्रॉपर्टी हमारे देश में है. 60 साल आप सरकार में रहे, फिर भी मुसलमान इतना गरीब क्यों है? उनके लिए क्यों काम नहीं हुआ? गरीबों के उत्थान, उनकी भलाई के लिए काम क्यों नहीं हुए? हमारी सरकार गरीब मुसलमानों के लिए काम कर रही है तो इसमें क्या आपत्ति है? आप लोग जो इस बिल का विरोध कर रहे हैं, देश सदियों तक याद रखेगा कि किसने बिल का समर्थन किया और किसने विरोध किया. आप लोग मुसलमानों को कितना गुमराह करेंगे? देश में इतनी वक्फ प्रॉपर्टी है तो इसे बेकार में पड़ा नहीं रहने देंगे l