सरकारी विद्यालयों में निजी स्कूलों की तर्ज पर खेल-खेल में होगी पढ़ाई, एक्टिविटी किट से देंगे व्यावहारिक ज्ञान
गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा
जयपुर,12 अप्रैल
प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा में बदलाव किया जा रहा है। इसके तहत सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चों को एक्टिविटीज बेस्ड लर्निंग किट से पढ़ाया जाएगा।
गत 10 अप्रैल को शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने सचिवालय में निदेशक प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा, आयुक्त शिक्षा परिषद सहित अन्य अधिकारियों की बैठक ली। इसमें तय हुआ कि यह व्यवस्था इसी सत्र 2024-25 में लागू कर दी जाएगी। नई व्यवस्था से बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ व्यावहारिक ज्ञान भी मिलेगा। बच्चों को एक्टिविटीज बेस्ड लर्निंग किट के माध्यम से पढ़ाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। नई व्यवस्था के तहत छोटे बच्चों को अलग-अलग एक्टिविटीज के माध्यम से खेल-खेल में विषय को समझाया जाएगा। इससे उन्हें विषय की बारीकियां समझने में आसानी होगी। व्यवस्था अलग-अलग चरणों में लागू होगी। उदाहरण के लिए शुरू में किसी एक जिले या 100 प्राथमिक स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह व्यवस्था लागू करेंगे।
गणित-हिंदी सहित अन्य विषयों से जुड़ी सामग्री होगी
बच्चों के लिए किट राजस्थान शिक्षा परिषद की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें विषय वस्तु और पाठयक्रम के अनुसार हिंदी, गणित, विज्ञान, सामाजिक आदि से जुड़ी सामग्री होगी। हिंदी से जुड़े केरिकेचर, वर्णमाला, वर्णमाला से जुड़ी शब्दावली, गणित से जुड़ी सामग्री में जोड़-बाकी-गुणा-भाग आदि की आकृतियां, प्रेक्टिकली बनाने के लिए चित्र, काउंटिंग टेबल आदि सामग्री होगी। दीवारों पर भी पेंट कर चित्र आदि बनवाए जा सकेंगे। किट का निर्माण केंद्र सरकार की ओर से किया जाएगा।
अभिभावकों का सरकारी स्कूलों की ओर बढ़ेगा रुझान
निजी स्कूलों में नर्सरी से कक्षाएं शुरू हो जाती हैं और पहली कक्षा में आते-आते बच्चे का आधार मजबूत हो जाता है, जबकि सरकारी स्कूलों में सीधे पहली कक्षा में प्रवेश होता है। ऐसे में सरकारी के अधिकतर बच्चे पढ़ाई में कमजोर रह जाते हैं। एक्टिविटीज बेस्ड लर्निंग किट से अभिभावकों का रुझान भी सरकारी स्कूलों की तरफ बढ़ेगा