शिक्षा निदेशालय के पूर्व एलडीसी बना रहे थे फर्जी डिग्री
प्रोफेशनल खिलाड़ियों को डमी बनाकर दिलवाते थे मेडल, पत्नी भी शारीरिक शिक्षक..
गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा
बीकानेर,12अप्रैल
एसओजी ने फर्जी डिग्री जारी करने के मामले में शिक्षा निदेशालय में पूर्व में कार्यरत दो एलडीसी और एक फर्जी डिग्री प्रिंट करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है। पूर्व एसडीसी मनदीप सांगवान पुत्र सत्यवीर सिंह अभी बीकानेर ऑफिस में यूडीसी के पद पर काम कर रहा है। वहीं, दूसरा पूर्व एलडीसी जगदीश पुत्र मदनगोपाल अब उच्च माध्यमिक विद्यालय देशनोक (बीकानेर) में यूडीसी है। दोनों के साथ फर्जी डिग्री प्रिंट करने वाले राकेश कुमार को सरदारशहर (चूरू) से गिरफ्तार किया गया है।
मामले में पहले से गिरफ्तार दलाल सुभाष पूनिया के जरिए मनदीप ने पत्नी सुमन को जेएस विश्वविद्यालय शिखोहाबाद से फर्जी डिग्री दिलवाई थी। इसके जरिए पीटीआई भर्ती भी दी थी। पहले जो फर्जी डिग्री मिली उसमें 15 अक्टूबर 2023 अंकित कर दिया गया था। इससे जॉइनिंग में दिक़्क़त होती। इस पर दोनों ने चर्चा कर दूसरी फर्जी डिग्री निकालकर तारीख बदलकर 13 सितंबर 2023 कर दी थी। दरअसल, पीटीआई परीक्षा की विज्ञप्ति अनुसार बीपीएड की डिग्री 25 सितंबर 2023 से पूर्व की होनी चाहिए थी। सुमन अभी वर्तमान में शारीरिक शिक्षक के पद पर तैनात है।
सुभाष पूनिया, मनदीप, जगदीश ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं में खेल आरक्षण का लाभ लेने के लिए षड्यंत्र करते थे। मनदीप और जगदीश योग्य अभ्यर्थियों को ढूंढ कर पहले सौदा तय करते। उसके बाद सुभाष के माध्यम से ओपीजेएस यूनिवर्सिटी या अन्य विश्वविद्यालय में फर्जी एडमिशन करवाते।
प्रोफेशनल खिलाड़ियों को खिलवाकर मेडल दिलवाते
लाभांश पाने वाले खिलाड़ियों के एडमिशन के साथ साथ प्रोफेशनल खिलाड़ियों का भी एडमिशन करवाते। खेल प्रतियोगिता जैसे रस्साकसी, वुड बॉल, टारगेट बॉल इत्यादि खेलों में प्रोफेशनल खिलाड़ियों को विश्वविद्यालय की ओर से खिलाते। लाभांश पाने वाले अभ्यर्थियों को रिज़र्व में रखते। कई बार लाभांश पाने वाले अभ्यर्थियों की जगह प्रोफेशनल खिलाड़ी को डमी के रूप में भी खिलाकर मेडल दिलवाते। मेडल के अंक फायदा पाने वाले अभ्यर्थी को मिलते। इस पूरे षड्यंत्र में विश्वविद्यालय एडमिशन और एंट्री भेजने के नाम पर पैसे लेते थे। जो डिग्री की व्यवस्था सुभाष विश्वविद्यालय से नहीं कर पाता तो राकेश उसकी प्रिंटिंग प्रेस में छपवा देता था। राकेश द्वारा और भी कई जाली दस्तावेज प्रिंट किए गए हैं। इनकी जांच की जा रही हैं