ये कौन लोग हैं जिन्हें दया नहीं आई ? जब नग्न अवस्था में खून से लथपथ हालत में 12 साल की छोटी बच्ची घर-घर जाकर मदद की गुहार लगा रही थी…

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(प्रतीकात्मक चित्र)

ये कौन लोग हैं जिन्हें दया नहीं आई ? जब नग्न अवस्था में खून से लथपथ हालत में 12 साल की छोटी बच्ची घर-घर जाकर मदद की गुहार लगा रही थी…

उज्जैन में बच्ची से दुराचार का आरोपी घायल: पुलिस कस्टडी से भाग रहा था, गिरने से चोट लगी; पुलिस ने पीछा करके दबोचा

गौरव रक्षक/न्यूज़ नेटवर्क
उज्जैन 28सितंबर ।
उज्जैन में 15 साल की बच्ची से दुराचार के आरोपी ने गुरुवार को पुलिस की गिरफ्त से फरार होने का प्रयास किया। भागते समय वह गिरकर घायल हो गया। उसके पैर में चोट लगी है।
आरोपी को पुलिस ने आज सुबह ही गिरफ्तार किया था। आरोपी का नाम भरत सोनी है। वह उज्जैन की ही झुग्गी बस्ती का रहने वाला है और ऑटो चलाता है। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने बच्ची के साथ जीवनखेड़ी में रेप किया । खबर के अनुसार पुलिस जब आरोपी को जांच के लिए मौके पर लेकर गई, तो उसने वहां से भागने की कोशिश की। आरोपी ने अचानक दौड़ लगा दी। जिसे पकड़ने के लिए पुलिस के जवान भी उसके पीछे भागे। इस दौरान आरोपी नीचे गिर पड़ा जिससे कारण उसे चोट आई है। पुलिस आरोपी को लेकर जिला अस्पताल गई। आरोपी को पकड़ने के दौरान दो पुलिसकर्मी भी जख्मी हो गए।

(घायल आरोपी)

बच्ची सतना की रहने वाली
पीड़ित बच्ची सतना जिले की रहने वाली है। शुरुआती में पुलिस और एक्सपर्ट ने बच्ची से बातचीत की थी, तब यह अनुमान लगाया गया था कि वह प्रयागराज (UP) की रहने वाली हो सकती है।

25 सितंबर को लड़की बदहवास हालत में महाकाल थाना इलाके में दांडी आश्रम के पास मिली थी। उसके कपड़े खून से सने हुए थे। बच्ची आधे-अधूरे कपड़ों में सांवराखेड़ी सिंहस्थ बायपास की कॉलोनियों में ढाई घंटे तक भटकती रही। इसके CCTV फुटेज पुलिस ने खोजे हैं। वह पूरे आठ किलोमीटर चलती गई। फुटेज में ही बच्ची 5 ऑटो ड्राइवर के साथ दिखी है।

पुलिस ने पहले बच्ची की उम्र 12 साल बताई थी। हालांकि FIR कॉपी में उम्र 15 साल दर्ज है। SP सचिन शर्मा ने बताया कि पीड़ित सतना जिले के एक गांव की रहने वाली है। 24 सितंबर को घर से गायब हुई थी। उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट सतना जिले के जैतवारा थाने में दर्ज है।
खबर के अनुसार बच्ची को मां बचपन में छोड़कर चली गई, पिता अर्धविक्षिप्त है।
पुलिस ने बताया कि बच्ची की मां बचपन में ही उसे छोड़कर चली गई थी। पिता अर्धविक्षिप्त है। बच्ची अपने दादा और बड़े भाई के साथ एक गांव में रहती है। गांव के ही स्कूल में 8वीं कक्षा में पढ़ती है। उसके लापता होने पर दादा ने 24 सितंबर को गुमशुदगी दर्ज कराई थी। सतना पुलिस की टीम भी उज्जैन के लिए रवाना हुई है।
तड़के 3.15 से सुबह 5 बजे तक घुमाते रहे ऑटो ड्राइवर
बच्ची अपने घर से निकलकर ट्रेन से उज्जैन पहुंची थी। वह सोमवार तड़के 3 बजे उज्जैन रेलवे स्टेशन पर उतरी। यहां उसने एक ऑटो ड्राइवर से कुछ बात की। सुबह 5 पांच बजे तक बच्ची अलग-अलग ऑटो ड्राइवर के साथ CCTV फुटेज में नजर आई है।


प्रियंका गांधी ने कहा, भाजपा के कुशासन में कोई सुरक्षित नहीं
उज्जैन की घटना पर प्रियंका गांधी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, ‘भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में एक छोटी बच्ची के साथ हुई बर्बरता आत्मा को झकझोर देने वाली है। अत्याचार के बाद वह ढाई घंटे तक दर-दर मदद के लिए भटकती रही और फिर बेहोश होकर सड़क पर गिर गई, लेकिन मदद नहीं मिल सकी।

ये है मध्यप्रदेश की कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा? भाजपा के 20 साल के कुशासन तंत्र में बच्चियां, महिलाएं, आदिवासी, दलित कोई सुरक्षित नहीं है। लाडली बहना के नाम पर चुनावी घोषणाएं करने का क्या फायदा है? अगर बच्चियों को सुरक्षा और मदद तक नहीं मिल सकती।

दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख बोलीं, मदद नहीं करने वालों पर हो कार्रवाई
उज्जैन की घटना पर दिल्ली महिला आयोग (DCW) प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा, मध्यप्रदेश पुलिस को आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर और सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। ये कौन लोग हैं जिन्हें दया नहीं आई? जब नग्न अवस्था में खून से लथपथ हालत में 12 साल की छोटी बच्ची घर-घर जाकर मदद की गुहार लगा रही थी, क्या ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए?
हम किस तरीके का देश बना रहे हैं? ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में जाना चाहिए और रेपिस्ट को फांसी होनी चाहिए। अगर ऐसी घटनाएं हर दूसरे दिन होती रहेंगी तो हमारी बेटियां कैसे बचेंगी और कैसे पढ़ेंगी। मैं सख्त कार्रवाई और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की अपील करूंगी। हमारे समाज को भी जागरूक होना चाहिए ऐसे दुराचारियों को पहचानकर समाज से बाहर फ़ेक देना चाहिए ।
धार्मिक नगरी उज्जैन में नाबालिक लड़की के साथ हुए रेप के मामले में पुलिस ने कई खुलासे किए हैं ।पुलिस अधिकारियों का यह भी कहना है कि पीड़िता की लोगों ने खूब मदद की ।उसे पैसे, कपड़े और खाने की वस्तुएं भी दी. पीड़िता की हालत अभी खतरे से बाहर बताई जा रही है ।
पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने बताया कि इस घटना के बाद जब बालिका अर्धनग्न अवस्था में घूम रही थी तो उसने कुछ लोगों से मदद मांगी. इसके बाद लोगों ने उसे पैसे, कपड़े और खाने की वस्तु देकर मदद की चार लोग पुलिस ने स्वयं ढूंढ निकाले हैं जिन्होंने बच्ची को पैसे दिए थे. पुलिस कप्तान के मुताबिक यह कहना गलत होगा की घटना के बाद बालिका इधर-उधर भटकती रही और किसी ने उसकी मदद नहीं की उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस वालों ने अपना खून देकर भी बालिका का जीवन बचाने का काम किया है ।उन्होंने बताया कि अब पीड़िता की हालत खतरे से बाहर है । और क़ानून अपराधी को उसके अंजाम तक पहुँचा देगा यानी उसे दंड मिलेगा ।

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