मानसरोवर का मान हुआ बेमान
देखरेख के अभाव में हुआ बदहाल
गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा
भीलवाड़ा 05 सितंबर ।
भीलवाड़ा हाल बेहाल
उमस भरी गर्मी से राहत पाने के लिए शहरवासी सांझ ढ़ले पार्को व पर्यटन स्थलों का रूख करते है परन्तु यदि पार्को की हालत ही दयनीय हो तो कोई राहत कैसे पा सकता है। ऐसा ही हाल पटेल नगर स्थित मानसरोवर झील का है जिस पर नगर विकास न्यास ने लाखों रूपये खर्च कर जनता को अनोखा उपहार दिया था परन्तु देखरेख के अभाव में पार्क सूना नजर आता है और ज्यादातर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है।
मानसरोवर झील के प्रवेश द्वार पर ही लगी झालियां स्मेकचियो के भेट चढ़ गईं है तो अन्दर झील की सुरक्षा दीवार टुटी होने से कई लोग अंदर की ओर घुमते दिख जाएगे और हादसे का शिकार से इंकार नहीं किया जा सकता है। पार्क में घुमने आने वाले लोगो के लिए लगी बेंचे अब जर्जवस्था होकर टुट चुकी है तो गणेश चतुर्थी व नवरात्री के समय प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए बनाया गया कुण्ड में पानी भरा होने से व गंदगी का अंबार लगा होने से छोटे बच्चो के गिरने से बड़ा हादसा होने का अंदेशा बना रहता है। इस डर के मारे परिजन अपने बच्चों को पार्क में घुमने भी नहीं भेजते है ।
पार्क में घुमने आये लोगो का कहना है कि रात्रि के समय यहां अंधेरा रहता है हाई मास्ट लाईट का उपयोग नही हो रहा है अधिकतर जगह हमें शराब की बोतले या गदंगी दिख जाएगी और पुलिस गश्त की कमी के चलते यहां पर रात्रि को असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे महिलाएं व युवतियां यहां आने से कतराती है।
मानसरोवर झील के समीप ही बच्चों के खेलने के लिए पार्क है जो उजाड़ होने के साथ ही झुले चकरी टुटे हुए और पगडण्डी पर गंदगी बिखरी हुई है। झील होने से यहां पर न्यास ने नाव चलाने का ठेका दे रखा है पर लोगो के कम रूझान के चलते नाव एक तरफ साइड में रखी हुई है।
साईकिल स्टेण्ड ठेकाकर्मी का कहना है यहां पर लोगो की आवाजाही कम है। जिससे उसे भी घाटा हो रहा है।
क्षेत्रवासियों का कहना है कि न्यास प्रशासन की अनदेखी के चलते पार्क में चहल पहल कम रहती है। इसे दुरूस्त करवा कर सही इस्तेमाल किया जाए तो पटरी पार वाशिंदे इसका भरपूर लाभ ले सकेगे ।