श्रीजीखेड़ा के अंधे कत्ल से पर्दा उठा :अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़े हिस्ट्रीशीटर सहित 5 बदमाश पुलिस के शिकंजे में
गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा
भीलवाड़ा (बनेड़ा) 14 नवंबर ।
कहते हैं अपराधी कितना ही चालक क्यों ना हो आखिर पुलिस के शिकंजे में आ ही जाता है ।
श्रीजी का खेड़ा गांव के लादू खरोल के अंधे कत्ल
का आखिरकार राज खुल गया। यह कत्ल अंतराज्यीय गिरोह ने चोरी के दौरान विरोध के चलते किया था। पुलिस ने वारदात में लिप्त मांडल थाने के हिस्ट्रीशीटर सहित 5 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस बदमाशों से अन्य वारदातों के बारे में पूछताछ कर रही है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि भीलवाडा जिले में चोरी, नकबजनी लूट जैसी संगीन वारदातों की रोकथाम व खुलासे के जिला अधिकारियों को निर्देश दिये थे। एएसपी व डीएसपी के निर्देशन व सुपरविजन में बनेड़ा पुलिस व साइबर सेल की संयुक्त टीम गठित की गई। बनेड़ा थाना प्रभारी राजेंद्र ताड़ा ने बताया कि श्रीजी का खेड़ा के देवकरण पुत्र चुनी लाल खारोल ने 1अगस्त की रात चार-पांच बदमाशों ने घर में घुसकर चाँदी के पायजैब चुरा लिये। उसके बाद लादु पुत्र बालू खारोल घर में घुसे बदमाशों ने चौक में लादू व उनकी पुत्री सो रहे थे। बदमाशों ने हथियार की नोंक पर पुत्री की कमर से चांदी की करगंती खुलवा ली। पुत्री के चिल्लाने व बेटी के संघर्ष के दौरान पिता लादु खारोल नींद से जागे तो बदमाशों ने उनके सिर पर हथियार से जानलेवा हमला कर दिया। जिससे लादु लहुलुहान हो गिर गये। जिन्हें गम्भीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पुलिस ने मामला दर्ज किया। इसके बाद नौ अगस्त को लादू खारोल की उपचार के दौरान मौत हो गई।
यह रहे पुलिस के अच्छे प्रयास
पुलिस की टीम लगातार संदिग्ध बदमाशों की धरपकड़ के लिए दबिशें देती रही। पराम्परागत पुलिसिंग, मुखबिरी व साइबर सेल के तकनीकी अनुसंधान के दौरान लगभग 600 सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। मोबाइल टावर डेटा प्राप्त कर लाखों नम्बरों का विश्लेषण किया गया। संदिग्ध व बदमाशान किस्म के लगभग 150 लोगों से पूछताछ की गई। जिले व जिले से बाहर इस तरह की वारदातों में लिप्त गिरोह जहां भी पकड़ मे आये वहां जाकर टीम ने अनुसंधान किया। जेल में बन्द आरोपियों से भी घटना के सम्बंध में जानकारी प्राप्त की गई । इन प्रयासों से टीम को कुछ महत्वपूर्ण जानकारी हांसिल हुई। जिस पर टीम ने माण्डल स्टेशन भीलवाडा व मेवदा कंजर कॉलोनी चितौडगढ़ में दबीशें देकर संदिग्धों को डिटेन कर वैज्ञानिक तरीकों से गहन पूछताछ की। इस पर बदमाशों ने हत्या और लूट की यह वारदात कबूल ली। थाना प्रभारी का कहना है कि आरोपी बहुत ही शातिर, चालाक व खुंखार अपराधी है। जिन पर विभिन्न थानों में संगीन वारदातों के दर्जनों प्रकरण दर्ज है। अनुसंधान के दौरान आगे और भी कई वारदातों का खुलासा होने की सम्भावना है।
ये हैं बदमाश ,जिन्होंने दिया वारदात को अंजाम
प्रकाश 47 पुत्र कानिया कंजर व अनिल 28 पुत्र कैलाश कंजर निवासी कंजर बस्ती, मांडल, भीलवाडा, राकेश 25 पुत्र प्रकाश कंजर व नारायण 34 पुत्र मिश्रिया कंजर निवासी मेवदा कंजर कॉलोनी, कपासन चितौडगढ़ व बादसेन, भदेसर चित्तौडग़ढ़ निवासी पप्पु उर्फ चिया 28 पुत्र कालू कंजर।
वारदात का शातिराना अंदाज
आरोपी बेहद शातिर व आदतन अपराधी हैं जो एक गिरोह के रूप में काम करते है । ये अपने गिरोह में स्थानीय व बाहरी लोगों को शामिल करते हैं। जिससे की वारदात स्थलों व बसावट, मार्ग की पूरी जानकारी रहती है। आरोपी वारदात से पहले इक होकर वारदात की योजना बनाते है । फिर मोटरसाइकिलों पर सवार होकर निकलते हैं। पहले से कन्फर्म वारदात स्थल से एक-दो किलोमीटर दूर मोटरसाइकिलों को छुपा कर पैदल ही गांव में जाते है। वहां पूर्व से तयशुदा कुछ साथी मकान के बाहर निगरानी रखते हैं व बाकि घर में घुस कर वारदात को अंजाम देते है। जाग होने और विरोध होने पर जानलेवा हमला कर भाग निकलते है। वहां पूर्व से तयशुदा सुरक्षित ठिकानों पर मिलकर नकबजनी लूट के सामान का बंटवारा कर अपने अपने ठिकानों पर निकल जातें है। वारदात के दौरान आरोपी पकड़े जाने के डर से मोबाईल का उपयोग नही करते है व सीसीटीवी कैमरों से बचने के लिए सुनसान रास्तों का प्रयोग करते हैं।
इन अपराधियों पर कई संगीन दर्ज हैं मामले
अनिल कंजर पर नकबजनी और मारपीट के सात मामले मांडल थाने में दर्ज हैं। इसके अलावा प्रकाश कंजर के खिलाफ चोरी, नकबजनी, शराब तस्करी, जैसे करीब 24 मामले मांडल, गुबलाुपरा, टाटगढ़ अजमेर, आमेट, रायपुर, आसींद , मांडल, बागौर थानों में दर्ज हैं। आरोपित राकेश पर कपासन, सदर चित्तौडग़ढ़ व भदेसर में चोरी, हत्या, लूट के तीन मामले 2016 से 2020 तक दर्ज हुये। वहीं नारायण कंजर के खिलाफ सात मामले कपासन थाने में चोरी, मारपीट व नकबजनी आदि के मामले में दर्ज हैं ।