वर्तमान में कोई नया मामला सामने नहीं आया है स्टाम्प पर लड़कियों को बेचने का मामला पुराना, है पहले ही हो चुकी गिरफ्तारियां

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वर्तमान में कोई नया मामला सामने नहीं आया है
स्टाम्प पर लड़कियों को बेचने का मामला पुराना, है पहले ही हो चुकी गिरफ्तारियां

गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा
भीलवाड़ा 29 अक्टूबर।

यह तो किसी ने 2019 की पुरानी खबर चलाकर भीलवाड़ा शहर पर कालिख पोतने का काम किया है ।
भीलवाड़ा के एक गांव की युवतियों को स्टाम्प पर बेचने का मामला उठा है लेकिन यह कोई नया नहीं है। तीन साल पहले की घटना है एक बार फिर जिन्दा कर हवा दी जा रही है । जबकि इस मामले में सभी 25 आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके है। 6 युवतियों में से दो को बाल सुधार गृह अजमेर में रखा गया है।
यह बात आज जिला कलक्टर कार्यालय सभागार में पत्रकार वार्ता के दौरान जिला कलक्टर आशीष मोदी और पुलिस अधीक्षक आदर्श सिधू ने कही। पुलिस अधीक्षक सिधू ने कहा कि 2019 में गुडिय़ा नाम से चलाए गए ऑपरेशन के दौरान भीलवाड़ा सहित प्रदेश में 6 लड़कियों को देह व्यापार से मुक्त कराया गया था। इनमें से 4 बच्चियों के पहचान होने के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया था जबकि दो को बाल सुधार गृह में रखा जहां वे पढ़ाई कर रही है इनमें से एक अब भी नाबालिग है। इन दोनों बालिकाओं के परिजनों का पता नहीं लग पाने के कारण उन्हें यहां रखा गया है। तीन साल बीत जाने के बावजूद परिजनों का पता नहीं लग पाया है जबकि सभी 25 आरोपियों के चालान पेश कर दिये थे।


उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोई नया मामला सामने नहीं आया है। पुराने मामले को ही उठाया गया है। उन्होंने किसी भी मीडिया हाउस का नाम लिये बगैर कहा कि इस मामले को क्यों उठाया गया है, वे इस पर टिप्पणी करना नहीं चाहते है।
जिला कलक्टर आशीष मोदी ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा देह व्यापार के दलदल में फंसी महिलाओं और युवतियों को निकालने की है और यह काम लगातार किया जा रहा है। 6 माह पहले भी ऐसी ही एक युवती को दलदल से निकाल कर उसकी इच्छा के अनुरूप उसकी शादी करवाई गई थी। महिलाओं पर अत्याचार को रोकने के लिए सरकार के साथ-साथ कई संगठन भी काम कर रहे है। उन्‍होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि‍ 2005 का जो स्‍टाम्‍प सामने आया है वह ही आधार बना है और मामला उस समय बेचने का यह स्‍टाम्‍प है। कोई नया स्‍टाम्‍प नहीं है।
इस मौके पर भीलवाड़ा में संगठित रूप से कुछ लोग अनैतिक कार्यों को अंजाम दे रहे है। इस सवाल के जवाब में पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अगर कोई मामला सामने आता है तो निश्चित उसकी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने पीटा एक्ट के तहत कई कार्रवाईयां की है। पिछले कुछ समय में इस तरह की सात कार्रवाईयां हुई है। शहर और जिले में अपराधों को लेकर कुछ और मामले भी पत्रकार वार्ता में उठे। जिनमें महात्मा गांधी अस्पताल के पिछले दरवाजे से प्रवेश को आम लोगों के लिए बन्द करने की बात कही गई। इस पर यह बात भी सामने आई कि शहर में यातायात का दबाव है और अस्पताल के पिछले वाले मार्ग का अधिकांश महिलाएं आने जाने के लिए बन्द नहीं किया जाना चाहिए। इस पर वहां चौकीदार बिठाने की भी बात कही गई है। जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक ने सभी सवालों के जवाब बड़ी गंभीरता से दिए और हर विषय पर निश्चित रूप से कार्यवाही का आश्वासन दिया ।

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