मुर्गीपालन को आमदनी का जरिया बनाये -शिखा वर्मा
गौरव रक्षक/ राजेंद्र शर्मा
भीलवाडा 15 अक्टूबर। कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा आयोजित एवं आत्मा भीलवाड़ा द्वारा प्रायोजित सम्बद्ध क्षेत्र प्रदर्शन वर्ष 2022-23 के तहत् कृषक रूचिकर समूह के किसानों को मुर्गीपालन व्यवसाय के लिए प्रतापधन चूजे की 19 इकाईयाँ पंचायत समिति भगवानपुरा के किसानों को उपलब्ध करवाई गई।कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती शिखा वर्मा, महिला विकास मंत्री, राज्य समन्वयक समिति, कृषि विभाग ने आत्मा एवं कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा कृषक हितार्थ संचालित योजनाओं की सराहना करते हुए बताया कि किसान भाई मुर्गी पालन को अपनी आमदनी का जरिया बनाये। समन्वयक समिति जयपुर के अध्यक्ष गिरिराज शर्मा ने बताया कि मुर्गी पालन लघु एवं सीमांत कृषकों के लिए किया जाने वाला एक सफल व्यवसाय है जो किसी भी स्थान पर आसानी से किया जा सकता है।
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी.एम. यादव ने मुर्गियों की उन्नत नस्लें, उपलब्धता, विपणन, आवास एवं आहार प्रबन्धन, मुर्गीपालन हेतु आवश्यक उपकरण की तकनीकी जानकारी और केन्द्र पर स्थापित मुर्गी पालन इकाई का भ्रमण करवाते हुए मुर्गियों के चूजों में टीकाकरण की तकनीकी जानकारी से लाभान्वित किया। उपनिदेशक कृषि, जिला परिषद् श्री रामपाल खटीक ने जैविक तरीके से मुर्गीपालन कर आमदनी बढ़ाने हेतु मुर्गियों को जैविक दाना, जैविक खाद्य अपशिष्ट खिलाने की आवश्यकता जताई साथ ही मुर्गियों के लिए सन्तुलित आहार, प्रमुख रोग एवं रोकथाम की जानकारी से अवगत कराया। उपनिदेशक कृषि एव पदेन परियोजना निदेशक आत्मा डॉ. जी. एल. चावला ने बताया कि मुर्गी पालन एक सफल व्यवसाय है जो कम पूँजी में, कम समय में, कम मेहनत में और कम जगह में किया जा सकता है। डॉ. चावला ने आत्मा योजना की गतिविधियाँ एवं मुर्गियों के बीमा की जानकारी के साथ बताया कि आत्मा योजना की सम्बद्ध क्षेत्र प्रदर्शन के माध्यम से जिले के 14 ब्लॉक में 300 किसानों के यहाँ प्रतापधन मुर्गी पालन इकाई स्थापित की जा रही है। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. के. सी. नागर ने बताया कि प्रति मुर्गी पालन को प्रति इकाई 25 प्रतापधन के चूजे, दो पानी के बर्तन एवं दो दाना खिलाने के बर्तन आत्मा योजनान्तर्गत सम्बद्ध क्षेत्र प्रदर्शन के तहत् निःशुल्क उपलब्ध करवाये गये। फार्म मैनेजर महेन्द्र सिंह चुण्ड़ावत ने केन्द्र पर स्थापित प्रदर्शन इकाईयों का भ्रमण एवं कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद ज्ञापित किया।