कृषि रसायनों का उचित प्रयोग करें-डॉ. यादव
गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा
भीलवाडा 27 फरवरी। अनुसंधान निदेशालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा प्रायोजित अनुसूचित जाति उपयोजनान्तर्गत कृषि रसायनों की गणना एवं स्प्रै पर प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केन्द्र अरणिया घोड़ा शाहपुरा के गोदित गाँव ढ़िकोला में आयोजित किया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी.एम. यादव ने बताया कि भारत की बहुसंख्यक आबादी के लिए कृषि आजीविका का प्रमुख स्त्रोत है और कृषि रसायन इसके विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देते है किन्तु कृषि रसायनों के अत्यधिक उपयोग ने केवल पर्यावरण अपितु कृषि भूमि के जीवन को भी क्षति पहुँचाई है। अतः कृषि रसायनों का वैज्ञानिक तरीके से प्रयोग अत्यंत आवश्यक है। डॉ. के. सी. नागर, प्रोफेसर शस्य विज्ञान ने मिट्टी एवं पानी की जाँच करवाकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सिफारिशों के अनुसार कृषि कार्य करने की सलाह देते हुए कृषि में निर्धारित मात्रा के अनुसार रसायनों के प्रयोग की आवश्यकता प्रतिपादित की। केन्द्र के एसोसियेट प्रोफेसर डॉ. राजेश जलवानियाँ ने किसानों की आजीविका बढ़ाने हेतु बेमौसम सब्जी उत्पादन एवं उच्च कीमतन फसलें की बुवाई करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। फार्म मैनेजर गोपाल लाल टेपन ने केन्द्र की गतिविधियों से अवगत करवाते हुए कृषि रसायनों का छिड़काव करते समय सावधानी बरतने के टिप्स दिए साथ ही कृषि रसायनों के दैनिक जीवन में महत्त्व एवं हानि पर चर्चा की। प्रशिक्षण में 30 कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया जिन्हें विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित कृषि कलैण्डर एवं प्याज की पौध का वितरण किया गया।