राजस्व दिवस पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्मिकों को किया गया सम्मानित
गौरव रक्षक/ राजेंद्र शर्मा
⚫राजस्व मंत्री ने कहा राज्य सरकार की नीतियों से राजस्व के लंबित मामलों के निस्तारण में आई तेजी
⚫जिला कलक्टर ने राजस्व कार्य में सराहनीय कार्य करने पर किया सम्मानित
भीलवाड़ा, 15 अक्टूबर। राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि राजस्व विभाग के कानूनों में संशोधन और सरलीकरण किया गया है। इससे लम्बित मामलों के निस्तारण में तेजी आएगी और आमजन को इसका सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने प्रशासन गांवों के संग अभियान की उपलब्धियों पर संतोष जाहिर किया और कहा कि जिला कलक्टर और राजस्व विभाग के अधिकारी राजस्व से जुड़े प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए नवाचार करें और नए सुझाव दें, ताकि सम्पूर्ण प्रक्रिया को और भी अधिक सुगम और सरल बनाया जा सके।
कार्यक्रम में जिला मुख्यालय से जिला कलक्टर आशीष मोदी, अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन डॉ. राजेश गोयल, प्रभारी अधिकारी भू अभिलेख एवं उपखंड अधिकारी भीलवाड़ा डॉ. पूजा सक्सेना सहित अन्य राजस्व अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राजस्व दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में जुड़े।
राजस्व दिवस के अवसर पर जिला कलक्टर आशीष मोदी ने जिले में राजस्व विभागीय कार्यों के संपादन में सराहनीय योगदान करने वाले लोकेश, तहसीलदार हमीरगढ़, सत्यनारायण लोहार, नायब तहसीलदार सुवाणा, अक्षय कुमार शर्मा, सहायक राजस्व लेखा अधिकारी ग्रेड द्वितीय (कार्यालय जिला कलेक्टर भीलवाड़ा), योगेन्द्र कुमार तिवाड़ी, भू-अभिलेख निरीक्षक, तहनाल तहसील शाहपुरा, श्रीमती रूपा दास भू-अभिलेख निरीक्षक हमीरगढ़, सुरेंद्र सिंह बड़वा, पटवारी तहसील रायपुर, श्रीमती रतन शर्मा, पटवारी तहसील बनेड़ा, विनीत कुमार पटवारी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी (कार्यालय जिला कलेक्टर भीलवाड़ा) तथा दिलीप सिंह, वरिष्ठ सहायक तहसील भीलवाड़ा को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया ।
इस अवसर पर तहसीलदार भू-अभिलेख आशीष सोनी सहित कलेक्ट्रेट के विभिन्न अनुभागों के कार्मिक शिवेंद्र कुमार पारीक, भूअभिलेख निरीक्षक (जिला अध्यक्ष-राजस्थान कानूनगो संघ) नारायण लाल गुर्जर, भूअभिलेख निरीक्षक, सत्यनारायण उपाध्याय, पटवारी, विनोद कुमार गोखरू, (जिला अध्यक्ष मंत्रालयिक कर्मचारी संघ) चंद्र सिंह चौहान आदि उपस्थित रहे।
जाट शनिवार को राजस्व दिवस के अवसर पर शासन सचिवालय में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज का दिन राजस्व विभाग के लिए विशेष है। 15 अक्टूबर 1955 को राजस्थान काश्तकारी अधिनियम का लागू होना किसानों के लिए एक ऐतिहासिक कदम था जिससे किसानों को भूमि का मालिकाना हक मिला।
उन्होंने इस अवसर पर जिला स्तर पर उत्कृष्ट कार्य करने करने के लिए सम्मानित होने वाले राजस्व कार्मिकों को बधाई दी और कहा कि राजस्व विभाग आम जन से जुड़ा हुआ विभाग है। अधिकारी और कर्मचारी आमजन को ध्यान में रखते हुए पूरी कुशलता और जिम्मेदारी के साथ काम करें, सिस्टम को और भी अधिक सुगम बनाएं तथा प्राथमिकता के आधार पर प्रकरणों का निराकरण करें। उन्होंने कहा कि प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत बड़ी संख्या में राजस्व मामलों का निराकरण किया गया है। राजस्व रिकॉर्डों के कम्प्यूटरीकरण, सर्वे-रिसर्वे, मॉर्डल रिकॉर्ड रूम की स्थापना तथा पंजीयन कार्यों का कम्प्यूटरीकरण जैसे कार्यों के सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने जिला कलेक्टरों से राजस्व के प्रकरणों के निराकरण में आ रही समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली और उनके शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया। इस अवसर पर राजस्व मंडल के अध्यक्ष राजेश्वर सिंह ने कहा कि राजस्व के लम्बित मुकदमों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। यह सकारात्मक संकेत हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में राजस्व के मामलों के निस्तारण के लिए आवश्यक है कि जिलों में पीठासीन अधिकारी नियमित रूप से न्यायालयों में बैठें। इसके अतिरिक्त राजकीय कार्यालय अथवा विद्यालयों आदि के लिए भू-आवंटन के मामलों को अभियान चलाकर निस्तारित करें। उन्होंने कहा कि मामलों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाना चाहिये। राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनन्द कुमार ने कहा कि प्रदेश की 369 तहसीलों में से राजस्व रिकॉर्ड के कम्प्यूटरीकरण किये जाने से शेष रही 9 तहसीलों तथा नव गठित 23 तहसीलों में से शेष रही 17 तहसीलों में राजस्व रिकॉर्ड के कम्प्यूटरीकरण का काम शीघ्र पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि तहसीलों में सर्वे रिसर्वे तथा रिकॉर्ड़ों के डिजिटाइजेशन के काम को कैसे और बेहतर तथा जल्दी किया जा सकता है, इस पर विचार किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग सीधे रुप से आम आदमी से जुड़ा हुआ विभाग है और उनकी राजस्व संबंधी समस्याओं का निराकरण हमारी पहली प्राथमिकता है ।