जिम्मेदार व्यक्तियों को सरकार, प्रशासन, को सोचना होगा की ऐसी सोच रखने वालों से कैसे निपटा जाए (एक की गर्दन कटी फिर भी शांति से नहीं बेठोगे )

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जिम्मेदार व्यक्तियों को सरकार, प्रशासन, को सोचना होगा की ऐसी सोच रखने वालों से कैसे निपटा जाए (एक की गर्दन कटी फिर भी शांति से नहीं बेठोगे )
गौरव रक्षक/ राजेंद्र शर्मा
भीलवाड़ा 17 जुलाई ।

राजस्थान में एक की गर्दन कटी फिर भी शांति से नहीं बेठोगे, सोशल मीडिया पर धमकी

धमकियों का माहौल अभी तक थमा नहीं है अब भीलवाड़ा जिले के आसींद में एक युवक ने सोशल मीडिया पर उदयपुर के कन्हैया लाल साहू हत्याकांड से जोड़कर धमकी दी है कि एक की गर्दन कटी तो भी शांति से नहीं बैठोगे। इस धमकी के बाद एक युवक ने पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है।

भीलवाड़ा जिले के आसींद उपखंड के रहने वाले नारायण गुर्जर ने पुलिस थाने में एक शिकायत रिपोर्ट देखकर की है कि महफूज नाम का युवक सोशल मीडिया फेसबुक पर धमकी दे रहा है कि एक की गर्दन कटी तो भी शांति से नहीं बैठोगे यह धमकी उदयपुर में कुछ दिन पहले नूपुर शर्मा का समर्थन करने पर टेलर कन्हैया लाल साहू की तालिबानी ढंग से गर्दन काट कर दिनदहाड़े हत्या की गई थी ।
इससे जोड़कर दी गई है पुलिस ने नारायण गुर्जर की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है जानकारी के अनुसार पुलिस द्वारा साइबर तकनीकी से की गई प्रारंभिक जांच में फिलहाल यह सामने आया है कि जिस महफूज नाम के युवक के फेसबुक अकाउंट से धमकी दी गई है ।

इस नाम का युवक आसींद का नहीं है अब पुलिस यह पता लगा रही है कि यह महफूज नाम का युवक कहां का है ? क्या यह फेसबुक अकाउंट फेक बनाया गया है? किसने बनाया ? कहां बनाया? इन सभी सवालों को लेकर पुलिस जांच में जुट गई है ।

अब सवाल उठता है कि
कट्टरता खतम करके अच्छी सोच केसे विकसित की जाए

युवाओं में बढ़ती कट्टरपंथी सोच न केवल मानव पूंजी या संसाधन बल्कि सामाजिक पूंजी के क्षरण के लिए भी जिम्मेदार है । इसलिए आज दुनिया के कई देश चाहे वह भारत हो या फ्रांस सभी कट्टरपंथ से निपटने के लिए निर्णायक रणनीति बनाने में लगे हैं ।

कट्टरता को परिभाषित करने की कारगर पहल, गुमराह युवाओं को मुख्यधारा में लाने की कवायद शुरू होनी चाहिए

कट्टरता और चरमपंथी मानसिकता विश्व शांति व सुरक्षा के साथ ही राष्ट्रों के आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़े खतरे के रूप में बरकरार है। कट्टरता चाहे धार्मिक हो, सांस्कृतिक हो, विचारधारागत हो या इस्लामिक, वह राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए गंभीर खतरा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कुछ समय पहले फ्रांस ने एक पृथकतावाद विरोधी विधेयक पारित किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य इस्लामिक कट्टरता और चरमपंथ से अपने सामाजिक सांस्कृतिक ताने-बाने को सुरक्षा देना है। फ्रांस में विचार और अभिव्यक्ति की आजादी बनाम धार्मिक आस्था का प्रश्न इस्लामिक कट्टरता से निपटने के प्रश्न से जुड़ गया है । इसलिए फ्रांस ने ऑनलाइन या साइबर चरमपंथ से निपटने और ऑनलाइन हेट स्पीच तथा इंटरनेट से व्यक्तिगत जानकारी को लेकर कट्टरता बढ़ाने जैसी गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए मजबूत कानून लाने का काम किया है । ऐसा भारत मैं भी होना चाहिए

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