ऑपरेशन सरहद के तहत जिला श्रीगंगानगर, हनुमानगढ व चुरू में सीआईडी इन्टेलीजेंस की विशेष कार्यवाही में पकड़े गए भारत की सूचनाएं पाकिस्तान को देने वाले

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ऑपरेशन सरहद के तहत जिला श्रीगंगानगर, हनुमानगढ व चुरू में सीआईडी इन्टेलीजेंस की विशेष कार्यवाही में पकड़े गए भारत की सूचनाएं पाकिस्तान को देने वाले

गौरव रक्षक/ राजेंद्र शर्मा
जयपुर 2 जुलाई :
महानिदेशक पुलिस (इन्टै०) उमेश मिश्रा ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया ऐजेन्सियों द्वारा भारत में भारतीय नागरिकों एवं सामरिक महत्व के महत्वपूर्ण संस्थानों में कार्यरत व्यक्तियों को स्थानीय एजेन्ट बनाकर उनसे सोशल मीडिया के माध्यम से सम्पर्क कर देश की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली सामरिक महत्व की सूचनाएं प्राप्त करने का निरन्तर प्रयास किया जा रहा है।

राज्य विशेष शाखा द्वारा पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सिया की ऐसी गतिविधियों पर सतत निगरानी रखी जाती है। इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष निगरानी अभियान चलाये जा रहे है। पूर्व में दिनांक 21.12.2021 से 24.12.2021 तक जिला
श्रीगंगानगर व हनुमानगढ में तथा दिनांक 01.03.2022 से 04.03.2022 तक जोधपुर, बाडमेर व जैसलमेर मे ऑपरेशन सरहद चलाया गया था।

इसी क्रम में दिनांक 25.06.2022 से 28.06.2022 तक जिला श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ एवं
चुरू में ऑपरेशन सरहद चलाया गया। इस ऑपरेशन के तहत राज्य विशेष शाखा जयपुर की विशेष
टीम एवं सीआईडी श्रीगंगानगर द्वारा जिला श्रीगंगानगर हनुमानगढ व चुरू के कुल 23 संदिग्ध व्यक्तियों से संयुक्त पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान पाया गया कि इनमें से 03 व्यक्ति क्रमशः अब्दुल सत्तार पुत्र उम्मेद खां, निवासी वार्ड नं0-19, डबलीराठान मौलवी, जिला हनुमानगढ़, नितिन यादव पुत्र रमेशचन्द्र, निवासी वार्ड नम्बर 38 गणेश मंदिर बाब के पास, सूरतगढ़ जिला श्रीगंगानगर व रामसिंह निवासी उम्मेदपुरा पुलिस थाना बिजराड बाडमेर हाल विकास ट्रेडर्स रतनगढ़ चूरू पाकिस्तानी खुफिया ऐजेन्सी के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से सम्पर्क में थे। ये तीनों पाकिस्तानी खुफिया ऐजेन्सियों को सामरिक महत्व की संवेदन शील सूचनाऐं उपलब्ध करवा रहे थे तथा उक्त कार्य के प्रतिफल में पाकिस्तानी हैण्डलर से धनराशि भी प्राप्त कर रहे थे।


अब्दुल सत्तार निवासी हनुमानगढ वर्ष 2010 से नियमित रूप से पाकिस्तान की यात्रा कर रहा है। पाकिस्तानी खुफिया ऐजेन्सी के स्थानीय एजेंट के रूप में कार्य कर रहा था। पूछताछ मे अब्दुल सत्तार ने स्वीकार किया है कि इस से पाकिस्तान यात्रा के दौरान पाकिस्तानी गुप्तचर • ऐजेन्सियों द्वारा सम्पर्क कर सामरिक महत्व की महत्वपूर्ण सूचनाएँ उपलब्ध करवाने हेतु प्रेरित किया गया भारत आने के बाद यह लगातार पाकिस्तानी हँडलर के सम्पर्क में था तथा इसके द्वारा सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों की फोटो साझा की जा रही थी।
नितिन यादव निवासी सूरतगढ़ के पास छावनी क्षेत्र में फल, सब्जी आदि की सप्लाई का कार्य है। इसका उक्त प्रतिबन्धित क्षेत्रों में निरन्तर आना-जाना रहता है तथा पूछताछ में नितिन यादव ने पाकिस्तानी महिला एजेंट के हनीट्रैप में फंस कर सामरिक महत्व की सूचनाएं साझा
किया जाना व धनराशि प्राप्त किया जाना स्वीकार किया है। रामसिंह निवासी बाडमेर जो वर्तमान में विकास ट्रेडर्स नाम की एक फैक्ट्री में कार्य कर रहा है. जो निरन्तर पाकिस्तानी खुफिया ऐजेन्सी के सम्पर्क में था। पूछताछ में इसके द्वारा अन्तराष्ट्रीय सीमा पर स्थित बोर्डर आउट पोस्ट एवं सीमावर्ती क्षेत्र की सामरिक महत्व की जानकारी, फोटोग्राफस, वीडियो आदि पाकिस्तानी खुफिया ऐजेन्सी से साझा किया जाना व धनराशि प्राप्त किया जाना स्वीकार किया है।
उक्त तीनों व्यक्तियों के मोबाइल फोनों में ऐसी कई महत्वपूर्ण सूचनाएं मिली हैं, जो सामरिक महत्व की है एवं प्रतिबन्धित है, जो इनके द्वारा पाकिस्तान खुफिया एजेन्सी के हैण्डलर को उपलब्ध करवाई गई है । तथा तीनों व्यक्तियों द्वारा पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी को उपलब्ध करवाई गई महत्वपूर्ण सूचनाओं के बदले धनराशि प्राप्त किये जाने के प्रमाण भी मिले है। उक्त तीनों व्यक्तियों की विस्तृत पूछताछ एवं तकनीकी जांच के उपरान्त इनके विरूद्ध शासकीय गुप्तबात अधिनियम 1923 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर अनुसंधान जारी है ।

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