उदयपुर हत्या कांड … कुछ उन्मादी व्यक्तियों का उन्माद इस हद तक पहुंच सकता है; इस पर सभ्य समाज को सोचना होगा

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उदयपुर हत्या कांड …
कुछ उन्मादी व्यक्तियों का उन्माद इस हद तक पहुंच सकता है; इस पर सभ्य समाज को सोचना होगा
गौरव रक्षक/ दीप प्रकाश माथुर
जयपुर 29 जून:
कल उदयपुर में हुई कन्हैया लाल की हत्या की घटना भारत जैसे विकसित देश के लिए बहुत ही शर्म की बात है. इसकी जितनी निंदा की जाए उतना ही कम है. कुछ उन्मादी व्यक्तियों का उन्माद इस हद तक पहुंच सकता है; इस पर सभ्य समाज को सोचना होगा .इस घटना को किसी स्थान विशेष या राज्य विशेष की घटना नहीं मानते हुए ,इसके विभिन्न पहलुओं पर विचार करना आवश्यक है .हालांकि देश के सभी राजनीतिक दल अपने अपने राजनीतिक हित से इसका विश्लेषण करेंगे तथा राजनीतिक लाभ प्राप्त करने का प्रयास करेंगे .मरने वाले व्यक्ति के प्रति उनकी संवेदना अपने राजनीतिक लाभ हानि तक हि सीमित रहेगी. उसके परिवार के प्रति संवेदना राजनीतिक लाभ किस तरह से मिल सकता है इस पर निर्भर करेगी . मरने वाला व्यक्ति तो मर चुका है उसके परिवार पर क्या बीत रही है इसका अनुमान राजनीतिक लाभ हानि करने वाले नहीं समझ सकते .
उसके परिवार को जो अपूर्णनिय क्षति हुई है उस कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता.
लेकिन इससे ज्यादा चिंता का विषय यह है कि समाज में नफरत और उन्माद ने कितनी गहराई तक अपनी जड़े जमा ली हैं यह जानना आवश्यक है .शायद ही किसी जिम्मेदार व्यक्ति के मन में इस उन्माद या नफरत को कम करने के लिए कोई फार्मूला हो. समाज दिशाहीन हो चुका है ,उन्हें यह नहीं मालूम कि उन्हें किस दिशा में जाना है .हर व्यक्ति उस चौराहे पर खड़ा नजर आता है, जहां एक रास्ता विकास की ओर जा रहा है और दूसरा रास्ता रसातल की तरफ जा रहा है.
हमारे समाज के जिम्मेदार व्यक्तियों और संस्थाओं जैसे राजनेता, मीडिया, सोशल मीडिया आदि इस समय अपनी भूमिका को सही तरीके से निभाने में अपने आप को समर्थ नहीं पा रहे हैं.
जबकि यह ऐसा समय है जब समाज को सही दिशा दर्शाने वाले नेतृत्व की बहुत आवश्यकता है. समाज का एक बड़ा वर्ग भ्रमित होकर सांप्रदायिकता और नफरत की तरफ बढ़ रहा है. राजनेता ,मीडिया या सोशल मीडिया तात्कालिक लाभ के लिए उन्माद फैलाने वालों का महिमामंडन कर रहे हैं .हो सकता है इन्हें तात्कालिक लाभ प्राप्त हो रहा हो किंतु उनकी नैतिक जिम्मेदारियों का क्या हो रहा है, इस पर उन्हें विचार करना होगा.
देश का एक बहुत बड़ा वर्ग जिसे बुद्धिजीवी वर्ग के रूप में जाना जाता है शायद आंख बंद कर तमाशा देखने को अपनी मजबूरी समझ रहा है. जगह जगह सांप्रदायिक तनाव फैल रहा है नफरत कि आग चरम की तरफ बढ़ रही है कुछ लोग इसमें घी डालकर आग को बढ़ाने का काम कर रहे हैं. यह देश के लिए बहुत चिंतनीय है. प्रबुद्ध वर्ग को जिस पर विचार करना होगा.

लेकिन इसके विपरीत देश के लिए एक सकारात्मक पहलू भी है जिसे हम उजला पक्ष भी कह सकते हैं .हमारा युवा वर्ग कला ,संस्कृति, खेलकूद, विज्ञान , संगीत. स्टार्टअप ,उद्योग, व्यापार आदि क्षेत्रों में अपनी सफलता के झंडे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गाड रहा है. कई युवा अपनी प्रतिभा के बल पर नवाचार कर स्टार्टअप खोल रहे हैं .जिनको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत सराहा जा रहा है.
यहां के युवाओं की संगीत ,कला और संस्कृति के क्षेत्र में उपलब्धियां विश्व पटल पर देश का नाम रोशन कर रही है .खेलकूद के क्षेत्र में हम नित नए आयाम स्थापित करते जा रहे हैं. खेलकूद के क्षेत्र में तीरंदाजी, टेबल टेनिस, बैडमिंटन, कुश्ती, भारोत्तोलन, एथलेटिक्स, आदि में हमारे लड़के और लड़कियां विश्व स्तर पर अपनी सराहनीय उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं .
अनेक देशों में हमारे वैज्ञानिक और इंजीनियर अपनी सेवाएं देकर भारतीय प्रतिभा की पहचान दर्ज करा रहे हैं. हमारे देश के डॉक्टरों ने विश्व स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है. इन सब से लग रहा है कि हमारा देश का युवा वर्ग अपनी मेहनत और लगन से देश का नाम रोशन कर रहा है.
जिस पर पूरे देश को गर्व है .
हमारे सेना के जवान जल वायु और स्थल पर सदैव मुस्तैद रहकर देश का गौरव बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं. इसी प्रकार हमारे अर्धसैनिक बल अपने उत्तरदायित्व को पूर्ण लगन और निष्ठा के साथ निर्वाहन कर रहे हैं .इन सभी का योगदान समाज मैं विश्वास पैदा कर रहा है .इन सभी को पूरे देश का सलाम है.

भारत के हर नागरिक को मिलकर एक भारत श्रेष्ठ भारत के नारे को सफल करना है. भागीदारी पूर्वक लोकतंत्र तथा सशक्त और प्रेरित नागरिक की संकल्पना को साकार करना है .सभी को बुनियादी सुविधाएं मिलें इसका प्रयास करना होगा .युवा शक्ति की उर्जा का उपयोग राष्ट्र निर्माण में हो. खुली और पारदर्शिता पूर्ण व्यवस्था का निर्माण हो ;यह समय की आवश्यकता है .सभी नागरिकों को एवं जिम्मेदार व्यक्तियों को इस संबंध में समझना होगा और अपना योगदान करना होगा. आज के डिजिटल युग में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है .इनको अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका अदा करना आवश्यक है .तभी हम देश को एक अलग पहचान दिला पाएंगे.
जय भारत

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