पंचायत राज चुनाव में आदिवासी, दलित, पिछड़ों को रोकने की साजिश रच रही भाजपा-जोकचन्द्र
गौरव रक्षक/ शिव भानु सिंह
7 जून, सतना
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। भाजपा, पंचायत राज चुनाव में आदिवासी, दलित, पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को रोकने की साजिश रच रही है, जो पंचायती राज अधिनियम का उल्लंघन है। प्रदेश कांग्रेस महामंत्री श्यामलाल जोकचन्द्र ने बताया आदिवासी, दलित व पिछड़े वर्ग के उम्मीदरवारों के जाति प्रमाण-पत्र नही बनाए जा रहे है, उन्हें टरकाया जा रहा है। इसमें साजिशपूर्वक इन वर्ग के उम्मीदवारों को रोकने का प्रयास है। लोकेसवा केन्द्र में प्रमाण-पत्र बनाने के लिए 45 दिन का समय दिया जा रहा है। जोकचन्द्र ने बताया पहले ही शिवराज सरकार ने आरक्षण को 27 की बजाए 14 प्रतिशत कर दिया है, देश में पहले मात्र 6 हजार जनप्रतिनिधि होते थे, भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांध्ी ने 73 व 74 वां संविधान में संशोधन कर ग्रामीण क्षेत्र के हजारों जनप्रतिनिधियों को त्रिस्तरीय पंचायती राज व नगरीय निकाय में चुनाव लड़ने का मौका दिया था। दुर्भाग्य से भाजपा को यह रास नही आ रहा है, वह समय-समय पर षड्यंत्र कर रही है। वर्तमान में दलित, पिछ़डे व आदिवासी वर्ग के लोग चुनाव न लड़ सके इसको लेकर योजनाबद्ध तरीके से साजिश रची जा रही है। इन वर्ग महिलाओं उम्मीदवारों के जाति प्रमाण-पत्र उनके ससुराल से मंगवाए जा रहे है, उम्मीदवारों को काफी मशक्कत करना पड़ रही है। एसी स्थिति में कई उम्मीदवार चुनाव लड़ने से वंचित रह जाएंगे। जोकचन्द्र ने आगे यह भी बताया पंचायत राज अधिनियम में यह कहीं भी उल्लेख नही है कि बिजली कनेक्शन का बिल जमा होगा तो ही उम्मीदवार चुनाव लड़ पाएगा। जोकचन्द्र ने बताया कि चुनाव लड़ना संवैधानिक अधिकार है, लेकिन सरकार उनके अधिकारों का हनन कर चुनाव चुनाव लड़ने महरुम कर रही है। पहले तो निजी विद्युत वितरण कंपनी ने अधिक राशि के बड़े-बड़े बिल थमाए अब पंचायत चुनाव के जरीये भाजपा सरकार निजी कंपनी के जरिये अवैध वसूली कर रही है। सत्तारुढ़ पार्टी के जनप्रतिनिधि व नेता मौन है।