अब अजमेर के कांस्टेबल ने बिगाड़ी राजस्थान पुलिस की छवि। कॉलेज के छात्रों को अश्लील संदेश और वीडियो भेजे।
आरोपी कांस्टेबल विक्रम सिंह शेखावत के विरुद्ध आईटी और पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर सस्पेंड किया। गिरफ्तारी भी होगी। त्रिस्तरीय जांच शुरू।
अजमेर के पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद शर्मा ने फिर सार्वजनिक किए अपने वाट्सएप नंबर 9414007742
अजमेर के ब्यावर उपखंड के डीएसपी हीरालाल सैनी और जयपुर कमिश्नरेट की महिला कांस्टेबल के अश्लील वीडियो का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि 20 सितंबर को अजमेर जिले के ही पीसांगन पुलिस स्टेशन पर तैनात एक कांस्टेबल द्वारा कॉलेज की नाबालिग छात्रों को वाट्सएप पर अश्लील संदेश और वीडियो भेजने का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि कांस्टेबल ने छात्रों पर मानसिक दबाव बनाया और वाट्सएप पर स्वयं के अश्लील फोटो एवं संदेश भेजे। छात्रों को अपने मकान पर बुलाने के लिए भी दबाव डाला गया। छात्रों का आरोप है कि 22 दिसंबर 2020 को भी पुलिस स्टेशन पर लिखित में शिकायत दी थी, लेकिन कार्यवाही नहीं हुई। कार्यवाही नहीं होने के कारण ही आरोपी सिपाही छात्रों को ज्यादा तंग करने लगा। 20 सितंबर को पंचायत समिति सदस्य प्रदीप कुमावत ने छात्रों की ओर से एक शिकायत अजमेर ग्रामीण क्षेत्र के डीएसपी अमित मेहरड़ा को दी। इस शिकायत में वो वाट्सएप चेट और अश्लील वीडियो भी दिया जो कांस्टेबल ने छात्रों को भेजे थे। जिला पुलिस अधीक्षक जगदीश शर्मा ने पुलिस की छवि से जुड़े इस मामले को गंभीरता से लिया और रात को ही कांस्टेबल के विरुद्ध आईटी और पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया। आरोपी कांस्टेबल विक्रम सिंह शेखावत को सस्पेंड करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं। एसपी ने बताया कि दर्ज मुकदमे की जांच नसीराबाद के थानाधिकारी से करवाई जाएगी। पूर्व में दी गई शिकायत पर कार्यवाही नहीं होने के मामले की जांच आईपीएस अमित मेहरड़ा (डीएसपी ग्रामीण) को दी गई है। इस संबंध में पीसांगन की थानाधिकारी प्रीति रत्नु का कहना है कि उनके पास छात्रों की शिकायत नहीं आई। यदि शिकायत आती तो वे तत्काल कार्यवाही करतीं। एसपी जगदीश शर्मा ने माना कि अपराध एक व्यक्ति करता है, लेकिन छवि पूरे महकमे की खराब होती है। उन्होंने कहा कि आरोपी कांस्टेबल की गिरफ्तारी की जाएगी। इस मामले में दोषी किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। शर्मा ने कहा कि उन्होंने अपना वाट्सएप नंबर 9414007742 कई बार सार्वजनिक किया है। इस नंबर पर जो भी शिकायत या सूचना प्राप्त होती है, उस पर तत्काल कार्यवाही की जाती है। यदि पीसांगन के छात्रों की पुलिस स्टेशन पर सुनवाई नहीं हुई थी तो उन्हें मुझ से संपर्क करना चाहिए था। कार्यालय समय में सरलता के साथ सभी से मिलता हंू। एसपी शर्मा ने एक बार फिर जिलेभर के लोगों खास कर महिलाओं से आग्रह किया है कि पुलिस स्टेशन पर सुनवाई नहीं होने पर सीधे मुझ से संपर्क किया जाए। मुझे मेरे वाट्सएप नंबर पर भी सूचना दी जा सकती है।
पुलिस की छवि खराब :
पीसांगन के एक कांस्टेबल द्वारा नाबालिग छात्रों को अश्लील संदेश और वीडियो भेजने से एक बार फिर राजस्थान पुलिस की छवि खराब हो रही है। पिछले दिनों ही ब्यावर के डीएसपी हीरालाल सैनी और एक महिला कांस्टेबल का अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद राजस्थान पुलिस की छवि देशभर में खराब हुई। अभी यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि एक कांस्टेबल का मामला उजागर हो गया। भले ही गलती एक कांस्टेबल ने की हो, लेकिन पूरे पुलिस महकमे को परिणाम भुगतने होते है। हालांकि ऐसे मामलों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बेहद गंभीर है, लेकिन पुलिस में ऐसी घटनाएं रुक नहीं रही है। मालूम हो कि गहलोत के पास ही गृह विभाग है। ब्यावर वाले प्रकरण में डीएसपी हीरालाल सैनी और महिला कांस्टेबल की बर्खास्तगी की कार्यवाही अंतिम चरण में है। जयपुर की विशेष अदालत ने 20 सितंबर को ही दोनों आरोपियों को जेल भेजा है।