पुलिस ने भरा सफाईकर्मी की बेटी का मायरा, भावुक हो गए लोग

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पुलिस ने भरा सफाईकर्मी की बेटी का मायरा, भावुक हो गए लोग

थाने के पुलिस स्टाफ ने अपने वेतन से जोड़ कर ₹51000 की राशि मायरा के रूप में रमेश व रमेश की पत्नी सुशीला को दी.
कोरोना काल में पुलिस एक ओर कठोर सख्त ड्यूटी निभा रही है, वो अपने परिवार से दूर रहकर आमजन की सुरक्षा के लिए काम कर रही है. आज तक पुलिस का वो चेहरा सामने आया, जिसे देखकर आमजन थर्रा जाता है लेकिन हर सिक्के का दूसरा पहलू भी होता है. एक ओर कठोर दिल और अमानवीय व्यवहार से बदनाम पुलिस का सोजत रोड में दूसरा चेहरा देखने को मिला, जिसे देखकर हर कोई पुलिस के इस कदम की सराहना कर रहा है.


पुलिस ने भरा सफाईकर्मी की बेटी का मायरा, नजारा देख भावुक हो गए लोग
पाली जिले के सोजत रोड पुलिस थाना की थाना अधिकारी सीमा जाखड़ सहित पुलिस थाने में तैनात पूरे स्टाफ ने अपने थाने में लम्बे समय से काम कर रहे सफाई कर्मचारी वाल्मीकि समाज के रमेश के घर पहुंचे और उनकी पुत्री किरण की शादी में मामा का कर्तव्य निभाते हुए मायरा भरकर सभी को अचंभित कर दिया. थाने के पुलिस स्टाफ ने अपने वेतन से संग्रह कर ₹51000 की राशि मायरा के रूप में रमेश व रमेश की पत्नी सुशीला को थमाई.


यही नहीं, थानाधिकारी सीमा झाखड़ ने दुल्हन को चुनरी ओढ़ाकर रस्म अदायगी की. इस दौरान रमेश के परिजनों का चेहरा खिल उठा तो वाल्मीकि समाज में इस प्रकार की अनूठी पहल देखकर पूरा समाज आश्चर्य के साथ फूला नहीं समा रहा था. माना यह जा रहा है कि सोजत रोड़ पुलिस की यह नई पहल कहीं ना कहीं समाज को नया आईना दिखाने और पुलिस और जनता के बीच सहयोग की बात को दर्शाता है.
क्या कहना है थानाधिकारी सीमा जाखड़ का
सोजत रोड पुलिस द्वारा ₹51000 की राशि के रूप में देने की चर्चा सोजत क्षेत्र में जोरों से हो रही है. इधर परिवार के लोगों ने भी पुलिस और थाना अधिकारी  सीमा जाखड का आभार व्यक्त किया थानाधिकारी सीमा जाखड़ ने गौरव रक्षक पुलिस ब्यूरोक्रेट्स न्यूज़ को बताया कि रमेश थाने में साफ सफाई करता आ रहा है और जब हमें पता चला की इसके बेटी किरण की शादी है तो हमें भी अपना फर्ज निभाते हुए एक छोटा सा नेक काम करने में पीछे नहीं रहे ,आखिर रमेश भी तो हमारे परिवार का सदस्य है.  इसकी जानकारी मिलने पर सभी स्टाफ के लोगों ने 51 हजार रुपए की राशि देने का निर्णय लिया. बाकायदा सीमा झाखड़ ने रमेश के परिवार के सदस्यों के लिए मन पसंद के कपड़े भी लिए, जो एक मायरा भरते समय सामाजिक कार्य में होता है. साथ ही वो सभी रस्में पुलिस ने रमेश के घर पहुंचकर निभाई, जो एक मामा को करनी होती है.


खुशी में रो पड़ी दुल्हन
नवनवेली दुल्हन किरण इस तरह सरप्राइज देखकर ख़ुशी के मारे उछल पड़ी तो ख़ुशी के आंसू भी छलक पड़े. पुलिस द्वारा एक गरीब के घर मायरा भरने की चर्चा ने पुलिस के दूसरे पहलू को भी समाज के सामने लाने का काम किया. थाना स्टाफ पूरा शादी में मौजूद रहा तो इस प्रकार मायरे रस्म निभाने को लेकर रमेश और उसकी पत्नी की आंखों में भी ख़ुशी के आंसू आ गये.
उन्होंने भी कभी नहीं सोचा कि हमारे साथ ऐसा भी हो सकता है लेकिन एक बात तो तय है कि ऊपर वाला कभी किसी को नीचा नहीं दिखाता है. किसी न किसी को नरसी बनाकर मायरा भरने के लिए भेज ही देता है. पूरे स्टाफ ने नव नवेली दुल्हन और दूल्हे को आशीर्वाद दिया और वापस अपनी ड्यूटी पर चले गए.

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