जन भावनाओं से खेलने का ओलंपिक हो तो मंत्री जी का गोल्ड मैडल पक्का ????
मामला गरीबों का मजाक उड़ाने का
सतना -जो जनता नेताओं को मान सम्मान देती है ,उन्हें इसे लायक बनाती है कि भी 3 एकड़ जमीन से उठकर धन वैभव में गोते लगाने लग जाते , फिर जब वही नेता निरीह गरीब जनता की भावनाओं से खेलकर उनका मजाक उड़ाते हैं तो समय भी ठहर सा जाता है । ऊपर बैठे नीली छतरी वाले को भी यह सब अच्छा नहीं लगता होगा । लेकिन जनता को धैर्य व विश्वास रखना चाहिए ,ऊपर वाले ने ही इन अहकारियों को ऐसा करने के लिए प्रेरित कर रखा है । इनके ऊपर सत्ता का नशा चडा़कर उसने इनकी वृद्धि का हरण कर लिया है फिर इंसानी इतिहास भी बताता है कि वक्त जब सिकंदर का नहीं रहा तो इनका कैसे रह सकता है सुना है कि सिकंदर जब गया था उसके कफन और ताबूत में जेब नहीं । भाजपा के पुरोधा स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी, स्वर्गीय राजमाता सिंधिया ,स्वर्गीय कुशाभाऊ ठाकरे, स्वर्गीय दादा सुखेंद्र सिंह जैसे नेताओं के कफन में भी जेब नहीं थी लेकिन दिल में एक तिजोरी थी जिसमें वे जनता का स्नेह व प्यार भर ले गए । आज तो चंद लोगों का अहंकार और मनमानी ने भाजपा को चौपालों, चौराहों और चौबारो मे शर्मसार कर दिया है । आज नेता भाजपा के प्रशिक्षण शिविरों में आदर्श व ज्ञान की ऐसी बातें करते हैं कि ऐसा लगता है कि श्री मोहन भागत व श्री नरेंद्र मोदी को संन्यास लेकर अपनी जगह इन्हें सौंप देनी चाहिए । सच तो यह है कि अगर जनता की भावनाओं से खेलने का अगर ओलंपिक हो तो भाजपा के इन मंत्री जी का गोल्ड मैडल पक्का है । आखिर जनता के पुष्पहार कुकुंम, तिलक, उनका प्यार व स्नेह इनके सम्मान को बड़ाता ही भाजपा की कीर्ति में इजाफा ही होता , लेकिन क्या करो इतिहास ऐसा करने नहीं देता , उसे तो खुद को दोहराने की आदत है , अगर रावण व दुर्योधन समय की आवाज को सुन लेते तो न महाभारत होती और न प्रभु राम को बन- बन भटकना पड़ता । मंत्री जी ने भले ही स्वामी भक्ति निभाई हो पर जन हाय के भागीदार तो बन ही गए ।
मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के एक मंत्री जी पर सांसद का कुछ इस तरह जोर चलता है कि वह उनके ही निर्देशो का पालन करते है।हम बात कर रहे है विंध्य छेत्र से एक मात्र मंत्री बनाये गए राज्यमंत्री राम खेलावन पटेल की जिनपर सतना जिला सांसद गणेश सिंह का खासा प्रभाव है।शनिवार को जिले के कोटर में सुनीता वेलफेयर सोसायटी द्वारा एक कंबल वितरण का कार्यक्रम राज्य मंत्री के मुख्यथित्य में आयोजित था।जिसके लिए मंत्री जी का प्रोटोकॉल भी जारी हुआ था ।लेकिन एन टाइम में उन्होंने अपना कार्यक्रम कैंसिल कर दिया व जिसके पीछे उन्होंने भाजपा के प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने के वजह से समय का अभाव बताया ।सवाल यह है कि यदि उनका प्रशिक्षण शिविर में जाना तय था तो उन्होंने सुनीता वेलफेयर सोसायटी को मुख्यथितयः के रूप में समय क्यो दिया?।उधर एक चर्चा यह भी है कि सोसाइटी द्वारा जिले के सांसद को न पूछना भारी पड़ गया, व सांसद के इशारे पर राज्यमंत्री ने एन समय मे कार्यक्रम में आने से इंकार कर दिया जहा उनका सैकड़ो की संख्या में जनता इंतजार कर रही थी ।