रिपोर्ट- शिवभानु सिंह बघेल
दिग्विजय सिंह बनाम नींद
अजय सिंह आए तो कांग्रेस दिखे
सतना -दिग्विजय सिंह का यह कहना है कि हर प्रदेश के किसान कांग्रेसी की कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और मध्यप्रदेश के कांग्रेसी सोए हुए हैं । उन्हें अपनी बात पर चिंतन करना चाहिए कि आखिर ऐसा क्यों है । प्रदेश में बड़ी मुश्किल से कांग्रेस सत्ता में आई थी लेकिन इन्ही दिग्गी राजा नें उमंग सिंघार जैसा युवा मंत्रियों में ही उलझे रहे । उन्होंने ऐसे दुकानदार कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनवा दिया जो प्रदेश के कांग्रेसियों को पहचानते ही नहीं थे । अवसरवादी दलालों ने जय कमलनाथ का नारा लगाकर कारवां में शामिल हो गए और वहीं कांग्रेसी और कांग्रेस बन गए । परिणाम यह हुआ कि समर्पित कांग्रेसी तमाशाबीन बनकर रह गए । 15 महीने के कार्यकाल में प्रभारी मंत्री कार्यकर्ताओं को भूल गए दलालों के साथ निजी होटल और फार्म हाउसों में गुलछर्रे उड़ाते हुए ट्रांसफर- पोस्टिंग के दाव पेंच में उलझ कर अपनी तिजोरी भरने में लगे रहे । प्रदेश में सरकार राजनीतिक नियुक्तियां तक नहीं कर पाई इससे 15 वर्षों तक संघर्ष करने वाले कार्यकर्ताओ का आत्मविश्वास डिग गया और वे निराश होकर घर बैठ गए । इन कार्यकर्ताओं की तो छोड़िए पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह” राहुल भैया” उपेक्षा के सबसे बड़े उदाहरण हैं, अजय सिंह भाजपा व शिवराज सिंह से दमदारी के साथ लोहा लेते हुए पूरे प्रदेश में कांग्रेस में जान फूंकते रहे और अपने क्षेत्र में ध्यान नहीं दिया । इधर उनकी दबंगई के साथ किए जा रहे विरोध से आहत मुख्यमंत्री ने बिछात बिछा कर उन्हें चुनाव हरवा दिया ,ऐसे उनके साथ विधायक नारायण त्रिपाठी को तोड़कर लोकसभा का चुनाव हरवाया गया था । यह तो अजय सिंह की सहनशक्ति है वरना श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी उपेक्षा को सहन नहीं कर पाए और कमलनाथ को ताजो तख्त छीनकर शिवराज सिंह को सौंप दिया । अभी भी समय है जब कांग्रेस अजय सिंह जैसे जुझारु गंभीर और जीवट व्यक्तित्व को प्रदेश का नेतृत्व सौंपकर शक्तिशाली भाजपा के सामने नजर आ सकती है । लेकिन इसके कांग्रेस में विशेष योग्यता गांधी परिवार की चापलूसी है अजय सिंह इसके अयोग्य विद्यार्थी -कमलनाथ आईफा रूपी रंगीनिया सजाने में व्यस्त रहें और दिग्गी प्रमुख सचिवों सहित ब्युरोके्शी की मलाईदार कुर्सियों की जमावट में व्यस्त रहे तब भाई भतीजावाद के आगे उन्हें कांग्रेसियों की याद नहीं आई -अब दोषारोपण उन्हीं पर करना क्या उचित है????