जीएसटी संशोधनों से व्यापारियों की बढ़ रही मुश्किलें :कैट
रिटर्न भरने की तारीख तीन माह आगे बढ़े: अशोक दौलतानी
सतना : जीएसटी में इनपुट टैक्स और ई वे बिल सम्बन्धी हालिया संशोधनों ने व्यापारियों को परेशान कर रखा है।
देश के व्यापारियों की शीर्ष संस्था कन्फैडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स कैट म प्र के प्रदेश सचिव अशोक दौलतानी द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा 22 दिसम्बर को जीएसटी नियमों में धारा 86 बी को जोड़ कर प्रत्येक व्यापारी जिसका मासिक टर्न ओवर ५० लाख से ज्यादा है एक प्रतिशत नगद भुगतान जमा करना अनिवार्य और ई वे बिल में २४ घंटे के अंदर २०० किलोमीटर की बाध्यता ने व्यापारियों का सिरदर्द बढा दिया है।
कैट के जिला महामंत्री नरेंद्र जैन ने कहा कि नियम 36( A)के तहत पोर्टल पर दिख रहे क्रेडिट 105 फीसदी से ज्यादा इनपुट क्रेडिट नहीं लिया जा सकता है अभी यह लिमिट 110 फीसदी है। मिलान न होने पर पंजीकरण कैंसिल होने का प्रावधान है। आदि कड़े नियमों का वापस लिए जाने की आवश्यकता है।
कैट के प्रदेश सचिव अशोक दौलतानी ने बताया कि कैट के राष्टीय नेतृत्व द्वारा वित मंत्री निर्मला सीतारमण जी को पत्र लिख कर मांग की है कि जीएसटी एंव आयकर के आडिट रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31दिसम्बर 2020 को तीन माह के लिए आगे बढाया जाए।
कैट के जिला मंत्री पवन मलिक ने बताया कि जीएसटी नियम 86 बी एव 36 (4) देश भर के व्यापारियों के व्यापार में विपरीत प्रभाव डालेगा।
कोरोना काल में अनेक कठिनाइयों के चलते व्यापारी पहले से त्रस्त है। नया नियम व्यापारियों के लिए बोझ बनेगा।
रिपोर्ट : सन्तोष कापड़ी