रिपोर्ट:-चित्रांक शर्मा
उदयपुर जिला कलक्टर चेतन देवड़ा ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिलेवासियों से मार्मिक अपील करते हुए एक नया मंत्र दिया है. कलक्टर देवड़ा ने कोरोना से बढ़ती चेन को रोकने के लिए “एक दूसरे को टोकंे-कोरोना को रोकंे’ का नया स्लोगन देते हुए कोरोना से बचाव की दृष्टि से एक-दूसरे को टोकते हुए इससे बचाव को प्रेरित करने का आह्वान किया है.
कलक्टर ने उदयपुर (Udaipur)वासियों को स्वयं जागरूक व सुरक्षित रहकर अन्य लोगों को प्रेरित करने की बात कही है और बताया है कि लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान रात्रिकालीन समय में परिवर्तन करते हुए बाजारों को रात्रि 8 बजे बंद करने व रात्रि 9 से सुबह 5 बजे तक गैर व्यवसायिक गतिविधियों व आवागमन पर सख्ती से रोकने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना की बढ़ती संख्या चिंतनीय है और इस पर सब लोगों को गंभीरता जताते हुए आमजन को बाजार में निकलने व शहर के पर्यटन स्थलों से भी दूरी बनाये रखनी होगी.
लॉकडाउन (Lockdown) को मन से स्वीकारें:
कलक्टर ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए प्रशासन पूर्ण मुस्तैदी से कार्य कर रहा है. ऐसे में आमजन को अपनी जागरूकता एवं भागीदारी निभानी होगी. उन्होंने कहा कि सरकार (Government) एवं प्रशासन अपने स्तर पर हरसंभव प्रयास कर रहा है, लॉकडाउन (Lockdown) भी किया है पर ये प्रयास तभी लागू होंगे जब लोग स्वयं इसे मन से स्वीकार करें, इनकी अनुपालना करें, खुद लागू करें और दूसरों को भी प्रेरित करें. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोरोना अभी गया नहीं है. ऐसे में सतर्कता ही इससे बचाव का बेहतर उपाय है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन (Lockdown) की नौबत इसीलिए आ रही है कि लोग कोरोना के डर को निकाल चुके है, जो ठीक नहीं है. कोरोना अपनी रफ्तार से फैल रहा है और इससे रोकना जरूरी है.
घूमने जाना मतलब कोरोना को आमंत्रण देना:
कलक्टर ने कहा कि इससे बचाव करना और इसे रोकना तभी संभव है जब लोग यह संकल्प कर लें कि वे अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलेंगे. यह फतहसागर, रानी रोड, बड़ी का तालाब, सुखाडिया सर्कल सब यहीं है, किन्तु अभी यहां घूमना उचित नहीं. जब हम पूर्ण रूप से संक्रमण से मुक्त हो जाएंगे तब यहां आराम से बे-रोक टोक घूम सकते हैं,लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए सार्वजनिक एवं पर्यटन स्थलों पर एकत्रित होना संक्रमण या कोरोना को आमंत्रण देना ही है.