प्रवासी मज़दूरों का रोज़ी रोटी का संकट दूर

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लेख- दीप प्रकाश माथुर (पूर्व RAS अधिकारी)

प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण योजना -: हमारे देश में 24 मार्च 2020 से सम्पूर्ण देश में कोरोना बीमारी को देखते हुए लोकडाऊन की घोषणा की गई थी इससे पूरा देश में व्यापार व उद्योग जगत का कार्य लगभग पूर्ण रूप से बंद हो गया था करोड़ों की संख्या में मज़दूर बेरोज़गार हो गए थे उनके सामने रोज़ी रोटी का संकट पैदा हो गया था अनिश्चितता की स्थिति में बड़ी संख्या में मज़दूरों ने अपने घरों की ओर पलायन शुरू कर दिया था क्योंकि लॉकडाउन प्रथम में सभी प्रकार के आवागमन साधन बंद थे इस कारण मज़दूर पैदल ही अपने घरों की ओर रवाना हो गए थे इस परेशानी को देखते हुए विभिन्न राज्य सरकारों एवं केन्द्र सरकार ने इन मज़दूरों को घर पहुँचाने की व्यवस्था कीलेकिन सैकड़ों हजारो की संख्या में मज़दूर रास्ते में विभिन्न कारणों से दम तोड़ते नज़र आए कुछ मज़दूर अपने साथ कोरोना बीमारी को भी ले गए जिस कारण कुछ क्षेत्रों में यह बीमारी फैल गई ।प्रवासी मज़दूरों के पलायन के पश्चात कई उद्योगों में कुशल मज़दूरों की कमी महसूस की जा रही है साथ ही जो मज़दूर अपने घरों को पहुँच चुके हैं उनके पास रोज़गार का संकट पैदा हो गया इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री द्वारा 20 june 2020 को देश के छह राज्यों के 116 ज़िलों के लिए ग़रीब कल्याण रोज़गार अभियान की शुरुआत की गई है। यह योजना उन ज़िलों के लिए लागू की जाएगी जिन ज़िलों में 25,000 से ज़्यादा प्रवासी मज़दूर है। इस योजना के तहत प्रत्येक प्रवासी मज़दूर को 125 दिन का रोज़गार मुहैया कराया जाएगा जिस पर लगभग 50, हज़ार करोड़ रुपया ख़र्च किया जाएगा

मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश राजस्थान बिहार उड़ीसा झारखंड राज्यों के 116 ज़िलों के लिए ही यह योजना प्रारंभ की गई है ।-जिस राज्य का प्रवासी मज़दूर मूल निवासी होगा उसे उसी राज्य में काम उपलब्ध कराया जाएगा उसके लिए उसके पास आधार कार्ड का होना ज़रूरी है इस योजना के तहत 18 साल से अधिक उम्र के मज़दूरोंको ही काम दिया जाएगा। ग़रीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत श्रमिकों को मनरेगा के तहत काम मिलेगा जिसकी दैनिक मज़दूरी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये कर दी गई है एक मज़दूर को 125 दिन तक के लिए रोज़गार उपलब्ध कराया जाएगा। इस अभियान के तहत बिहार के 32 ज़िले उत्तर प्रदेश के 31ज़िले मध्य प्रदेश के 24ज़िले राजस्थान के 22 ज़िले ओडिशा के 4व झारखंड के 3ज़िलों को शामिल किया गया है। इस अभियान में ग्रामीण विकास ,पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस ,पंचायतीराज ,सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, रेलवे,नई और नवीकरणीय ऊर्जा ,ख़ान , पेयजल एवं स्वच्छता ,पर्यावरण ,सीमा सड़क ,दूरसंचार और कृषि के क्षेत्र में श्रमिकों को रोज़गार उपलब्ध कराया जाएगा। यह अभियान मिशन मोड़ में चलाया जाएगा जिसमें काम करने वाले श्रमिकों को राज्य सरकार द्वारा भुगतान किया जाएगा। जिन श्रमिकों कोराज्य सरकार वापस लाई है या अन्य साधनों से उन्हें वापस भेजा गया है उसकी सूची राज्य सरकार के पास उपलब्ध है उसी के आधार पर श्रमिकों को काम दिया जाएगा। सरकार द्वारा मनरेगा में श्रमिकों को रोज़गार दिया जा रहा है ग़रीब कल्याण योजना अभियान के तहत भी मज़दूरों को रोज़गार के अधिक अवसर उपलब्ध होंगे आशा की जानी चाहिए कीहमारा मज़दूर वर्ग इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपने पैरों पर खड़ा होने की कोशिश करेगा और देश के आर्थिक मोर्चे पर अपना अधिकतम योगदान कर सकेगा।

 

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