रिपोर्ट- हिमांशु दीक्षित
निजी अस्पतालों में शुरू की जाये फीवर क्लीनिक
स्वास्थ्य सुविधाओं को सुचारू बनाने निजी अस्पताल संचालकों की कलेक्टर ने ली बैठक
कलेक्टर भरत यादव ने शहर के निजी अस्पतालों में भी फीवर क्लीनिक प्रारम्भ करने का सुझाव देते हुए कहा है कि अस्पताल संचालकों से कहा है कि इनमें आये मरीजों का डेटा स्वास्थ्य विभाग से भी साझा करें ताकि हर जरूरी सावधानी बरती जा सके और सस्पेक्टेड मामलों में सेम्पल लेकर कोरोना का टेस्ट कराया जा सके । श्री यादव ने यह बात आज शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित निजी अस्पतालों के संचालक तथा नर्सिंग होम एसोशिएशन एवं आईएमए के पदाधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में कही ।
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि प्रशासन के सामने कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के साथ-साथ स्थितियों को तेजी से सामान्य बनाने की चुनौती भी है । इसके मद्देनजर प्रशासन ने शासन द्वारा तय गाइड लाइन के मुताबिक जिले में कई आर्थिक गतिविधियों को प्रारम्भ करने की अनुमति भी प्रदान की है । उन्होंने कहा कि प्रशासन अब शासकीय अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पताल एवं क्लीनिक में भी लोगों को सभी स्वास्थ्य सुविधायें सुचारू रूप से मिले इस पर भी विशेष ध्यान दे रहा है । श्री यादव ने कहा कि निजी अस्पतालों में ओपीडी और मरीजों की देखभाल के साथ रुकी हुई सर्जरी भी प्रारम्भ हो इस दिशा में भी अस्पतालों के संचालकों को रुचि लेनी होगी । यदि किसी केस में कोरोना टेस्ट कराने की आवश्यकता है तो प्रशासन सेम्पल की परीक्षण रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी करेगा ताकि सर्जरी के इंतजार में पीड़ित को ज्यादा कष्ट न झेलना पड़े । हालांकि बैठक में साफ किया गया कि निजी अस्पतालों में इलाज या सर्जरी के लिए आने वाले हर मरीज का कोविड टेस्ट कराना अनिवार्य नहीं है । यह चिकित्सकों को लक्षणों के आधार पर तय करना है कि कोविड टेस्ट कराया जाये या नहीं । कलेक्टर ने इस मौके पर निजी अस्पताल संचालकों से कोरोना संक्रमण को रोकने के जिला प्रशासन को दिये गये सहयोग के लिए आभार जताते हुए अपेक्षा भी की कि वे अपने अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का मरीजों के हित में सभी जरूरी एहतियात बरतने के साथ बेहतर इस्तेमाल करेंगे ।
श्री यादव ने इस अवसर पर आईएमए, नर्सिंग होम एसोसिएशन एवं निजी अस्पतालों के संचालकों को कोरोना वायरस के संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित शहर के चांदनी चौक, गोहलपुर एवं सराफा क्षेत्र में कराये गये इंटेंसिव हेल्थ सर्वे की जानकारी भी दी । उन्होंने बताया कि सर्वे में सामने आये हाईरिस्क व्यक्तियों के स्वास्थ पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ।
कलेक्टर ने बताया कि चांदनी चौक के ऐसे हाईरिस्क और बीमार व्यक्ति को जिनके घर पर सुविधा उपलब्ध नहीं है, उनके क्वारेन्टीन के लिये प्रशासन द्वारा अलग से स्थान चिन्हित किये गये हैं । रमजान के पवित्र त्योहार को देखते हुए साफ-सफाई, प्रकाश और पेयजल के बेहतर व्यवस्थाएं भी इन चिन्हित स्थानों पर की गई हैं । उन्होंने अस्पताल संचालकों से कहा कि ऐसे लोगों को क्वारेन्टीन सेंटर जाने के लिए तैयार करने में भी प्रशासन का सहयोग करें ।
बैठक में निजी नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जीतेन्द्र जामदार ने शासन-प्रशासन की मंशा के मुताबिक आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधायें मुहैया कराने में निजी अस्पतालों की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया । उन्होंने निजी अस्पताल संचालकों से भी कहा कि यह एक ऐसा अवसर है जब उन्हें आगे बढ़कर पीड़ित लोगों की सेवा करने की जिम्मेदारी संभालनी होगी । उन्होंने अस्पताल संचालकों से निर्भीक और निडर होकर अपने दायित्वों का निर्वाह करने का आव्हान भी किया । डॉ. जामदार ने निजी अस्पतालों में कोरोना के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के उपाय संबंधी फ्लैक्स लगाने के सुझाव भी बैठक में दिये ।
बैठक में अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीष मिश्रा, विक्टोरिया अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. आर.के. चौधरी, डॉ. राजेश धीरावाणी, डॉ. पवन स्थापक, डॉ. प्रदीप दुबे, डॉ. अमरेन्द्र पांडे, डॉ. संगीता श्रीवास्तव तथा आईएमए के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे ।