भीलवाड़ा, 3 अप्रैल/ भीलवाड़ा ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्राण की दिशा में पहला चरण पार कर लिया है। जिला कलेक्टर श्री राजेंद्र भट्ट ने शुक्रवार को नौ उन रोगियों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जो कोरोनावायरस के संक्रमण से मुक्त हो गए। तीसरे टेस्ट नगेटिव आने के बाद इन लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी गई। इनका महात्मा गांधी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में उपचार चल रहा था।
जिला कलेक्टर ने सभी को गुलाब का फूल भेंट कर अपने-अपने घर के लिए रवाना किया। उन्होंने आमजन से भी अपील की कि वे सोशल डिस्टेंस एवं स्वच्छता की आदतों का पालन करें। अपने एवं अपने परिवार को कोरोना से बचाने के सभी यथासंभव उपाय करें एवं प्रशासन द्वारा लागू निषेधाज्ञा का पालन करते हुए अपने घरों में ही रहे। डिस्चार्ज किए गए सभी लोगों को 14 दिन के होम क्वारन्टाइन में रहने की हिदायत देते हुए उनके हाथों पर मोहर लगाई गई और घर में रहने व सोशल डिस्टेन्सिंग की शपथ भी दिलाई गई। इस अवसर पर संक्रमण मुक्त इन लोगों ने मीडिया से बातचीत की और अपने अनुभव साझा किए। मेडीकल कालेज प्रिंसिपल डाॅ. राजन नंदा, महात्मा गांधी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अरूण गौड़ कोरोना संक्रमण के उपचार से जुड़े डाॅक्टर्स व नर्सिंग कर्मी इस अवसर पर मौजूद रहे।
वनवास से लौटने जैसा अनुभव
उपचार के बाद स्वस्थ हुए एक रोगी ने बताया की आइसोलेशन वार्ड में उपचार लेना और वहां से स्वस्थ होकर लौटना किसी वनवास से घर लौटने जैसा है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी अस्पताल में अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकाल के अनुसार उन्हें उपचार दिया गया एवं डाक्टरों की अथक मेहनत से वह इस महामारी से उबर कर घर लौट रहे हैं।
कलेक्टर ने बजाई तालियां
जिला कलक्टर ने कोरोना से लड़ने में अनवरत लगे हुए चिकित्सा विभाग के सभी डाक्टर, नर्सिंग स्टाफ एवं अन्य कार्मिकों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि मानवता को बचाने की इस लड़ाई में दिन-रात लगकर चिकित्सकों ने फिर से सिद्ध कर दिया है की धरती पर उन्हें भगवान यूं ही नहीं कहा जाता। उन्होंने चिकित्सकों की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि भीलवाड़ा कोरोनावायरस की चेन ब्रेक करने की दिशा मे देशभर में एक मिसाल बना है। उन्होंने स्वयं तालियां बजाकर पूरी टीम का उत्साहवर्द्धन किया और टीम लीडर पीएमओ डाॅ. अरुण गौड़ व मेडिकल कालेज प्रिंसिपल डाॅ. राजन नंदा को बधाई दी।
ऐसे किया नियंत्राण
जिला कलक्टर ने कहा कि भीलवाड़ा ने पूरे विश्व के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है। यहां के चिकित्सा विभाग की टीम ने भीलवाड़ा में कोरोना के पहले रोगी का पता लगते ही गंभीरता से लेते हुए, सभी आवश्यक चिकित्सकीय प्रबंध करके स्थिति को नियंत्राण में रखा। कभी भी स्थिति को नियंत्राण से बाहर नहीं होने दिया।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक स्तर से ही गंभीरता से प्रशासनिक व चिकित्सकीय प्रबंध किये गये। रोगियों तथा उनके संपर्क में आने वाले लोगों को चिंहित कर उन्हें क्वारंटीन में रखा गया और ईलाज प्रारंभ किया गया। साधारण खांसी, जुकाम व बुखार वाले लोगों पर नजर रखी गई। जिले में प्रारंभिक स्तर पर ही निषेधाज्ञा लागू कर लोगों को सावधान भी किया गया।
उन्होंने बताया कि पूरे जिले के सभी लोगों का सर्वे व स्क्रिनिंग करवाई गई। विदेश व वाहर से आने वाले लोगों पर निगाह रखी गई। जिले में बाहरी लोगों का आवागमन बंद किया गया। युध्दस्तर पर व्यवस्थाओं का अंजाम दिया गया।
जिला कलक्टर ने कहा कि राज्य सरकार ने भी जिले की स्थिति पर निरन्तर निगाह रखी। सरकार से निरंतर सहयोग भी मिला। जिले में अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति सहित स्थानीय अधिकारियों, कर्मचारियों के सहयोग से चिकित्सकी व अन्य प्रबंधन की सुनिश्चितता की गई।