अमेरिका ने चीन-पाकिस्तान के बीच बनने वाले आर्थिक गलियारे की आलोचना करने के साथ ही इस मुद्दे पर दोनों ही देशों को करारा झटका दिया है। अमेरिका ने अपने बयान में कहा है कि इस पूरी परियोजना में कोई पारदर्शिता नहीं बरती गई है। यह बयान अमेरिका की वरिष्ठ राजनयिक एलिस वेल्स ने दिया है। इस बयान का अपना राजनीतिक महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक दिन पहले ही दावोस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की है। इस मुलाकात के केंद्र में मुख्य तौर पर दो बिंदु थे, पहला एफएटीएफ की लटकती तलवार से छुटकारा और दूसरा कश्मीर पर अमेरिका का साथ।