भ्रष्टाचार के दलल में तब्दील होता जा रहा है नगर निगम
: अधिकारियों पर “चौथ वसूली” के आरोप से मचा बवाल…
गौरव रक्षक/पंकज आडवाणी
13 नवम्बर 2025, भीलवाड़ा ।
भीलवाड़ा नगर निगम बनने के बाद भी हालात जस के तस है , 2 सितंबर 2024 को जब राजस्थान सरकार ने भीलवाड़ा नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा दिया था, तब जनता को उम्मीद थी कि अब व्यवस्थाओं में सुधार आएगा, जवाबदेही बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा — लेकिन हुआ इसका उल्टा।
निगम का दर्जा तो मिल गया, पर रवैया वही पुराना
लापरवाही और मनमानी में कोई कमी नहीं आई। बुधवार दोपहर बस स्टैंड के पास अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान निगम की असली तस्वीर फिर उजागर हो गई। एक ठेला लगाने वाले व्यक्ति ने खुलेआम आरोप लगाया कि नगर निगम के अधिकारी उससे “चौथ” वसूलते हैं। उसने बताया कि हर महीने अलग-अलग बहाने से पैसे लिए जाते हैं और बदले में “नगर परिषद भीलवाड़ा” के नाम की रसीद थमा दी जाती है — वो भी तब, जब निगम को बने एक साल से ऊपर हो चुका है!
पुरानी रसीदों से नया खेल!
ठेला संचालक ने डायनामाइट न्यूज को कुछ रसीदें दिखाईं जिनमें वर्ष 2025 की तारीखें, जुर्माने की रकम, मद का विवरण और अधिकारी के हस्ताक्षर तक दर्ज हैं। सवाल उठता है — जब नगर परिषद अब निगम में बदल चुकी है, तो फिर पुरानी परिषद की रसीद बुक क्यों इस्तेमाल हो रही हैं?
भ्रष्टाचार की गंध या लापरवाही का पर्दा?

क्या इन रसीदों से वसूल की गई राशि वास्तव में सरकारी कोष में जमा हो रही है या फिर किसी “निजी खजाने” में जा रही है? यह बड़ा सवाल अब नगर निगम की पारदर्शिता और ईमानदारी पर सीधा वार करता है।
भीलवाड़ा नगर निगम की यह कार्यप्रणाली अब चर्चा का विषय बन चुकी है —
जनता पूछ रही है, “नगर निगम बना तो जनता के हित में था, या अफसरों की चौथ वसूली के लिए?” क्या अब कोई अधिकारी इस पर जवाब देगा, या फिर एक और फाइल धूल खाती रह जाएगी?





