जेल प्रहरी और लेडी डॉन का खेल, आखिर पकड़े गए नशे के सौदागर..

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जेल प्रहरी और लेडी डॉन का खेल, आखिर पकड़े गए नशे के सौदागर..

इंदौर में लेडी डॉन ड्रग्स के साथ पकड़ी गई , निलंबित जेल प्रहरी के साथ राजस्थान से लाती थी, रईसों को पार्टियों में डांस भी करती थी…

गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा
5 जनवरी 2025, इंदौर

इंदौर पुलिस ने ड्रग्स तस्करी के मामले में 20 साल की युवती श्रुति निषाद और उसके साथी निलंबित जेल प्रहरी दीपक यादव को गिरफ्तार किया है। दोनों के पास 20. 30 ग्राम ब्राउन शुगर 10. 22 ग्राम एम डी ड्रग्स और एक होंडा अमेज कार भी जब्त की । ड्रग्स की कीमत 10 लाख रुपए बताई जा रही है । मुखबिर की सूचना पर क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार शाम MR -4 रोड पर गैराबंदी कर दोनों को पकड़ा। दोनों राजस्थान से लाकर ड्रग्स लाकर इंदौर में सप्लाई करते थे।

 

नशे की आदी है लेडी डॉन

पुलिस के मुताबिक श्रुति को लेडी डॉन के नाम से जाना जाता है । वह हाई प्रोफाइल पार्टियों में ड्रग सप्लाई के साथ डांस परफॉर्मेंस भी करती थी । वह खुद भी नशे की आदी है। उस पर पहले से मारपीट और आर्म्स एक्ट के केस दर्ज है।

निलंबित जेल प्रहरी पर है घरेलू हिंसा का केस

पुलिस ने बताया कि मॉडल विलेज कॉलोनी इंदौर निवासी आरोपी दीपक यादव अलीराजपुर में जेल प्रहरी था। और लंबे समय से ड्यूटी से गायब था । इसके पहले देवास और इंदौर की सेंट्रल जेल में पदस्थ रह चुका है । उसके पिता की मौत के बाद 2009 में अनुकंपा नियुक्ति मिली थी ।

 

जेल में भी ड्रग सप्लाई को लेकर आरोपी से पूछताछ होगी।

दीपक पर उसकी पत्नी ने दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा के केस दर्ज कराया था । इसी के बाद उसे सस्पेंड किया गया था । उससे पूछताछ की जा रही है कि उसका जेल में भी ड्रग सप्लाई का नेटवर्क तो नहीं है। दीपक के संबंध में जेल अधिकारियों को भी सूचना दी जा रही है।

लेडी डॉन और जेल प्रहरी कैसे करीब आए

पुलिस के मुताबिक जेल विभाग से सस्पेंड होने के बाद दीपक यादव बाणगंगा इलाके में अपनी मौसी के यहां आकर रहने लगा। वह पुलिस की वर्दी पहने रहता था । उसे ड्रेस की लत लग चुकी थी। इसके चलते हुए लेडी डॉन के संपर्क में आया। यही से दोनों मिलकर राजस्थान से ड्रेस लाने लगे । इस ड्रग्स को वह खुद भी लेते थे, और सप्लाई भी करते थे।

चेकिंग में आई कार्ड दिखता था

(पुलिस ने ड्रग्स तस्करी के आरोप में गिरफ्तार जेल प्रहरी के बारे में जेल विभाग को सूचित किया है।)

आरोपी पुलिस ने बताया कि दीपक ड्रग तस्करी के दौरान टोल नाका और पुलिस की चेकिंग के दौरान अपने आई कार्ड का इस्तेमाल किया करता था , ताकि उसे कोई रोक-टोक ना कर सके। इतना ही नहीं दीपक की गाड़ी पर पुलिस भी लिखा था, जिसे किसी को उसे पर शक भी ना हो। इसी का फायदा उठाकर वह राजस्थान से बिना रोक-टोक ड्रग्स लाने लगा।

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