बांग्लादेश में हो रही हिंदुओं की नृशंस हत्याएँ और अत्याचार के विरोध में भीलवाड़ा में आक्रोश रैली निकाल कर ज्ञापन दिया, शहर के लोगों ने आंशिक तौर पर बाजार भी बंद रखे…

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बांग्लादेश में हो रही हिंदुओं की नृशंस हत्याएँ और अत्याचार के विरोध में भीलवाड़ा में आक्रोश रैली निकाल कर ज्ञापन दिया, शहर के लोगों ने आंशिक तौर पर बाजार भी बंद रखे…

गौरव रक्षक/ राजेंद्र शर्मा
5 दिसंबर, भीलवाड़ा।

हिंदुओं पर बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार और उत्पीड़न के विरोध में आज भीलवाड़ा के लोगों ने बाजार 11 बजे तक बंद रखे ,और सर्व हिंदू समाज द्वारा शहीद चौक से आक्रोश रैली निकाली गई, जो जिला कलक्टर कार्यालय पहुंची ।

बाद में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारो को रोकने की मांग की गई। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे लगातार आक्रमण व निर्दोष हिंदुओं की गिरफ्तारी, हिंदू समाज को टारगेट कर, हिंसात्मक हमले कर ,धार्मिक स्थल तोड़ने व बहन बेटियों के साथ रेप की घटनाओं के विरोध में भीलवाड़ा के सर्व हिंदू समाज द्वारा आज आक्रोश रैली निकाली गई । इसमें विधायक अशोक कोठारी, उदय लाल भडाणा, महापौर राकेश पाठक, भाजपा जिला अध्यक्ष प्रशांत मेवाड़ा, महंत बनवारी शरण काठिया बाबा, विभाग संघ चालक चांद सोमानी, शकंर माली प्रांत कार्यवाहक, बजरंग दल के गणेश प्रजापत, ओमप्रकाश, सहित सिख, हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों की अगुवाई में शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर आक्रोश रैली शुरू हुई । यह रैली शहीद चौक, बड़ा मंदिर सर्राफा बाजार, भीमगंज थाना, सूचना केंद्र बजरंगी चौराहा, गोलप्याऊ चौराहा, रेलवे स्टेशन चौराहा, मशीनरी मार्केट होते हुए जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंची।


जहां प्रदर्शन कर बांग्लादेश में हिन्दू समाज पर हो रही हिंसा के खिलाफ सर्व हिन्दू समाज ने विरोध प्रकट करते हुए राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया। इस मौके पर बजरंग दल के गणेश प्रजापत विश्व हिंदू परिषद के ओम बलिया और संत समाज के महंत बनवारी शरण काठिया वाड़ी ने कहा कि, पड़ोसी देश बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद वहां निवास कर रहे अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।
उनकी सम्पति लूटी जा रही है। हत्याएं की जा रही है। जगह जगह हिंदुओं के घरों व दुकानों सहित धार्मिक स्थलों पर आगजनी की जा रही है। महिलाओं के साथ अमानवीय अत्याचार किए जा रहे है। वहां की सरकार ऐसे सब हमलों को रोकने में असफल साबित हो रही है।
बाग्लादेश की सरकार और वहां की पुलिस भी इस्लामिक कट्टरपंथियों के दबाव में कार्य कर रही है। अल्पसंख्यक समाज के खिलाफ हो रहे अत्याचार का विरोध करने वाले लोगो को झूठे मुकदमे बनाकर गिरफ्तार किया जा रहा है। वहां अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों को निशाना बना कर लूटा व जलाया जा रहा है।

बांग्लादेश के घटनाक्रम को लेकर अप्रत्यक्ष व प्रत्यक्ष रूप से हस्तक्षेप कर, वहां के अल्पसंख्यक समुदाय व उनकी सम्पति सहित धार्मिक स्थलों की सुरक्षा कराई जाएं। भारत सरकार को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि इस समस्या का समाधान किया जाए।

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