ऐसे अपराधियों की मानसिकता क्या दर्शाती है,चोरी और सीना जोरी : इस्माइल उर्फ बाबू ने जज पर फेंक दी चप्पल ..

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ऐसे अपराधियों की मानसिकता क्या दर्शाती है,चोरी और सीना जोरी : इस्माइल उर्फ बाबू ने जज पर फेंक दी चप्पल ..

गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा

भीलवाड़ा 28 मई l
भीलवाड़ा कोर्ट रूम में एक अजीब घटना घटित हो गई । एक चोरी के आरोपी ने सुनवाई के दौरान मजिस्ट्रेट पर चप्पल फेंक दी । इस खबर को सुनकर आपको नहीं लगता है कि ऐसी मानसिकता के लोग अगर समाज में खुले घूमेंगे तो यह लोग क्या स्थिति पैदा कर देंगे ! कानून के साथ-साथ देश के हर व्यक्ति को सोचना चाहिए की ऐसी मानसिकता रखने रखने वाले लोगों के साथ क्या कठोर से कठोरता कार्रवाई नहीं होनी चाहिए , ताकि ऐसी सोच रखने वाले व्यक्तियों को सबक मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाकारित ना हो सके। हमारे संभिधान में जज को एक भगवान की उपाधि दी है। क्या भगवान पर भी चप्पल फेंकी जा सकती है ?

 

जानकारी के अनुसार सेशन कोर्ट परिसर में सोमवार को उस समय हड़कम्प मच गया, जब चोरी के मामले में जेल में बन्द एक विचाराधीन कैदी ने सुनवाई के दौरान एसीजेएम कोर्ट में मजिस्ट्रेट की पर चप्पल फैंक दी । वहां बड़ी संख्या में वकील व अन्य लोग जमा हो गये। इस संबंध में यह मामला कोतवाली में दर्ज कराया जा रहा है ।


पुलिस ने बताया कि चोरी के कुछ मामलों में जेल में बन्द पोंडिया उर्फ इस्माइल नामक विचाराधीन कैदी को आज पेशी पर एसीजेएम कोर्ट लाया गया था। सुनवाई के बाद मजिस्ट्रेट ने अगली तारीख दी ,तो अचानक विचाराधीन कैदी ने अपनी चप्पल निकाली और मजिस्ट्रेट पर फेंकी , जिससे कोर्ट में हड़कम्प मच गया। चालानी गार्डों ने तत्काल ही इस्माइल को काबू में किया और हवालात में ले जाकर बन्द कर दिया। इस दौरान वहां बड़ी संख्या में अधिवक्ता जमा हो गये।
घटना की जानकारी मिलने पर कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंची।
एकाएक हुई इस अप्रत्याशित घटना से न्यायालय परिसर में हड़कंप मच गया । यह सुन कर लोगों को बहुत गुस्सा आया । न्यायालय कक्ष से आरोपी को बाहर लाते समय कुछ लोगों ने उसकी धुनाई भी कर दी। चालानी गार्ड बीच बचाव करते हुए उसे बैरक में लग गए। इसके बाद उसे जेल भेज दिया। मामले की जांच एएसआई रशीद मोहम्मद को सौंपी ।
लेकिन अब सवाल वही है की ऐसे मनुविकृति वाले व्यक्ति के साथ कानून को कौन सा कठोर से कठोर दंड अपनाना चाहिए, जिससे की समाज में अच्छा मैसेज जाए और इस तरह की घटना को अंजाम देने वालों के मन में डर पैदा हों , ताकि वह भविष्य में ऐसी घटनाओं को अंजाम न दे सके l

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