राजस्थान में राजनीतिक उठापटक के बीच ब्योरोक्रेसी की ‘सर्जरी’, 74 आईएएस अफसर किए गए इधर से उधर

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राजस्थान में राजनीतिक उठापटक के बीच ब्योरोक्रेसी की ‘सर्जरी’, 74 आईएएस अफसर किए गए इधर से उधर
गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा
राजस्थान 15 मई ।
मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने
सचिन पायलट की जनसंघर्ष यात्रा खत्म होने के चंद घंटे बाद ही सरकार ने राजस्थान ब्यूरोक्रेसी की बड़ी सर्जरी की है. प्रदेश के 74 आईएएस अफसरों को इधर उधर किया गया है. 15 नए जिलों में विशेषाधिकारी लगाए गए है. दिलचस्प यह है कि पायलट की यात्रा के अंतिम दिन सरकार के ही राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. उनके विभाग के प्रमुख सचिव कुंजीलाला मीणा और जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त रवि जैन को हटा दिया गया है.
इसी तरह से पिछले दिनों कांग्रेस के विधायक भरत सिंह ने भी अपनी ही सरकार के खान मंत्री प्रमोद जैन भाया के खिलाफ आरोप लगाए थे, जिसकी काफी चर्चा रही. सरकार ने खान विभाग के भी अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के महकमे को बदल दिया गया है. उन्हें अब पीएचईडी और जलसंसाधन की कमान दी गई है. इन दोनों ही विभागों में अधिकारियों को बदलकर सरकार की ओर से सियासी संदेश देने की कोशिश की गई है. पिछले दिनों आईएएस कुंजीलाल मीणा का नाम यूडीएच रिश्वकांड में आया था, जिसके बाद एसीबी की ओर से मामला भी दर्ज किया गया है. मीणा को इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान जयपुर में लगाया गया है.


वसुंधरा सरकार के करीबी रहे आलोक गुप्ता को राज्यपाल कलराज मिश्रा का प्रमुख सचिव बनाया गया है, जबकि दिल्ली में स्थानीय आयुक्त के पद पर तैनात अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह को जयपुर बुला लिया गया है; उन्हें स्वास्थ्य विभाग की कमान दी गई है. राज्य सरकार की ओर से सभी नए जिलों में नए आईएएस अफसरों को विशेषाधिकारी के पद पर तैनात किया गया है, जिससे नए जिलों के बनाने के कार्य को शुरू किया जा सकें. ये आईएएस अपफसर कलेक्टर बनने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन उन्हें नए जिलों में विशेषाधिकारी बना दिया गया है । इस ट्रांसफ़र लिस्ट के कई मायने निकाले जा रहे है ।

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