मौत को टाला नहीं जा सकता मगर सुधारा जा सकता है
गौरव रक्षक/बृजेश शर्मा
3 फरबरी भीलवाड़ा
महा तपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण के शिष्य मुनि अतुल कुमार शासन मुनि रविंद्र कुमार का तेरापंथ भवन नागोरी गार्डन आगमन हुआ,
वहां स्व. नेमीचंद रांका के स्मृति सभा मेवमुनि अतुल कुमार ने कहा देह का प्रारम्भ और अंत होता है अस्तित्व का नही, अस्तित्व यानी आत्मा । शरीर का कल निश्चित नही होता, आत्मा का कल निश्चित है ।
मुनि श्री ने नेमीचंद रांका के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा उन्होंने लगभग 28 साल स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर में मेनजर के पद पर कार्य किया, इस दौरान उनके कार्यकाल पर एक लांछन तक नही लगा और पूरे स्वाभिमान से कार्य किया, यह उनके जीवन की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है निष्कलंक जीवन जीना । मुनि श्री ने कहा एक पिता कभी मरता नही है वह अपने संतान की सांसो में हमेशा जीवित रहता है । भ्रस्टाचार रहित जीवन उनके आध्यात्मिक होने का प्रतीक है । मौत को टाल तो नही सकते किंतु अपने सद्कार्यो से मौत को सुधारा जा सकता है । ऐसे भौतिकवाद युग मे जब हर एक इंसान के दिलो दिमाग पर पैसा छपा हुआ है ऐसे में करप्शन रहित जीवन एक प्रेरणा है ।
शोक सभा मे तेरापंथ समाज, स्थानकवासी समाज, जैन जैनेतर काफी बड़ी संख्या में मौजूद थे ।