देश सेवा के लिए ठोकर मार दी अमेरिका की पचास लाख की नौकरी में, अब कुशल पुलिस अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं

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देश सेवा के लिए ठोकर मार दी अमेरिका की पचास लाख की नौकरी में, अब कुशल पुलिस अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं

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गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा

आईपीएस संतोष मिश्रा का
अव गरीबों और पीड़ित लोगों को न्याय दिलाना ही मकसद है और मन लगाकर देश सेवा में जुटे हुए हैं

देश के लिए छोड़ दी अमेरिका की 50 लाख की नौकरी, अब IPS बनकर कर रहे भारत मां की सेवा

4 साल यूरोप में नौकरी करने के बाद संतोष मिश्रा यूएस चले गए थे. वहां सात साल तक काम करने के बाद भारत लौट आए क्योंकि उनका मन देश की सेवा करने में लगा हुआ था, इसलिए उन्होंने 50 लाख के सालाना पैकेज को भी छोड़ दिया.

टोक्यो ओलंपिक में कुश्ती में कांस्य पदक जीतने वाले पहलवान बजरंग पूनिया ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर एक IPS अधिकारी की तस्वीरें शेयर की हैं. इसके साथ ही उन्होंने इस IPS अधिकारी की जमकर सराहना की है. इन IPS अधिकारी का नाम संतोष मिश्रा है. बजरंग पूनिया ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘इन्होंने देश के लिए 50 लाख रुपये की विदेशी नौकरी छोड़ दी थी.’
संतोष मिश्रा इस समय उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में SP के पद पर कार्यरत हैं. वह ट्विटर पर काफी ज्यादा पॉपुलर हैं. बिहार के रहने वाले संतोष मिश्रा साल 2012 बैच के IPS अधिकारी हैं. साल 2011 में उन्होंने US से सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी थी. उस समय अमेरिका में उनकी सैलरी 50 लाख रुपये थी. इसके बाद उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी की और पहले प्रयास में ही देश के सबसे बड़े एग्जाम को पास कर IPS अधिकारी बने.

IPS संतोष मिश्रा के अनुसार, वह पटना जिले के रिटायर्ड आर्मी मैन के बेटे हैं. 10वीं और 12वीं बिहार के स्कूल से पास करने के बाद उन्होंने पुणे यूनिवर्सिटी से मकैनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. इसके बाद उनका सिलेक्शन यूरोप की कंपनी में हुआ था. 4 साल यूरोप में नौकरी करने के बाद वह यूएस चले गए. वहां सात साल तक काम करने के बाद भारत वापस लौट आए. दरअसल, उनका मन देश की सेवा करने में लगा हुआ था, इसलिए उन्होंने 50 लाख के सालाना पैकेज को भी छोड़ दिया था.
खाली समय में पढ़ाते हैं बच्चों को

संतोष मिश्रा को जब अपने काम से खाली समय मिलता है तो वह सरकारी स्कूल के बच्चों के बीच पहुंच जाते हैं. वह बताते हैं कि एक बार वह एक प्राइमरी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने पहुंचे थे, तब एक बच्चे ने जलेबी खाने की इच्छा जताई थी. इसके बाद उन्होंने बच्चों के लिए जलेबी मंगवाई थी. वह कहते हैं कि बच्चों के साथ उनको बहुत मजा आता है. वह समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं.

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